राजस्थान: अतिक्रमण हटाने में प्रशासन की आनाकानी के खिलाफ ग्रामीणों ने दिया धरना
जिले के सूरजगढ़ में अतिक्रमण के कारण सड़क निर्माण कार्य रुके होने के कारण ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ धरना दिया और अतिक्रमण हटाकर जल्द ही सड़क निर्माण शुरू नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
झुंझनू (आरएनआई) सूरजगढ़ के ग्राम काजड़ा में सड़क निर्माण में बाधा बन रहे मात्र एक व्यक्ति का अतिक्रमण नहीं हटने से सड़क निर्माण का कार्य रुका हुआ है। मामले में ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर सड़क निर्माण क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और अतिक्रमण नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
ग्रामवासी पहले भी कई बार प्रशासन से अतिक्रमण हटाने को लेकर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन अतिक्रमण हटाने की बजाय अतिक्रमणकर्ता के पक्ष में दलीलें दे रहा है। जिला कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान भी दो बार इस मामले में शिकायत की जा चुकी है।
ग्रामीणों का कहना है कि अतिक्रमण को लेकर पहले प्रशासन लीपा-पोती कर रहा था, अब सूरजगढ़ उपखंड अधिकारी खुलकर अतिक्रमणकारियों का समर्थन कर रहे हैं। सूरजगढ़ उपखंड अधिकारी ऑन ड्यूटी होते हुए एक महीने से कार्यालय से नदारद हैं। बताया जा रहा है कि अतिक्रमणकर्ता नंदकिशोर के अगल-बगल में बहुत से लोगों का अतिक्रमण हटाया गया है। यहां तक कि 80 वर्ष पुराने मकान भी तोड़े गए हैं।
इस अतिक्रमण के कारण सड़क निर्माण कार्य रुकने की वजह से गांवों के लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूरजगढ़ से बेरी तक बन रही एमडीआर सड़क निर्माण क्षेत्र से तकरीबन सभी का अतिक्रमण हटा दिया गया है लेकिन ग्राम काजड़ा में नंदकिशोर सैनी का चबूतरा हटाने में प्रशासन आनाकानी कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा रात्रि चौपाल और जनसुनवाई के लिए आयोजित किए जाने वाले कैंपों के लिए लाखों रुपये खर्च होते हैं, जबकि काम तो कार्यालय में बैठकर भी किया जा सकता है।
जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में दो बार ग्रामीणों द्वारा उक्त अतिक्रमण को हटाने की शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन अतिक्रमियों के पक्ष में काम कर रहा है। ग्रामीणों ने अतिक्रमण नहीं हटाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
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