राजकोट आग मामला: 27 मौतों के मामले में गेम जोन के एक और मालिक पर शिकंजा
25 मई की शाम राजकोट के टीआरपी ‘गेम जोन’ में भीषण आग लगने से 12 साल की कम आयु के 12 बच्चों समेत कुल 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। अबतक इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
अहमदाबाद (आरएनआई) गुजरात के राजकोट शहर में टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग में 12 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद ‘गेम जोन’ के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में ले लिया गया था। गेम जोन में आग लगने की घटना के बारे में सुनकर हर कोई सहम जा रहा है। शव इतनी बुरी तरह झुलस गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। इस मामले में टीआरपी गेम जोन के एक और सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है। बता दें, एक अन्य आरोपी की इसी हादसे में मौत हो गई थी।
इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। राजकोट के पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराज सिंह गोहिल ने बताया कि रेसवे एंटरप्राइजेज में सहयोगी किरीट सिंह जडेजा को मंगलवार की रात राजकोट-कलावाड रोड से गिरफ्तार किया गया। बता दें, जडेजा टीआरपी गेम जोन के उन छह सहयोगियों में शामिल हैं, जिन्हें आग की घटना में आरोपी बनाया गया है। इन पर भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें गैर इरादतन हत्या भी शामिल है।
अधिकारी ने बताया, 'हमने आरोपी किरीट सिंह जडेजा को कल रात राजकोट के पास गिरफ्तार किया, जिससे इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या पांच हो गई है।' उन्होंने कहा, 'प्राथमिकी में नामजद छह लोगों में से एक आरोपी प्रकाश हिरेन की आग में जलकर मौत हो गई। जांच के दौरान एक मृतक का डीएनए हिरेन के परिजनों से मैच हो गया, जिससे उसकी मौत की पुष्टि हुई।
पार्थराज सिंह गोहिल ने बताया कि पुलिस इससे पहले युवराज सिंह सोलंकी, राहुल राठौड़, धवल ठक्कर और उसके मैनेजर नितिन जैन को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 337 (किसी ऐसे कार्य से चोट पहुंचाना जिससे दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो), 338 (किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर उसे गंभीर चोट पहुंचाना) और 114 (अपराध के समय किसी की मौजूदगी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
25 मई की शाम राजकोट के टीआरपी ‘गेम जोन’ में भीषण आग लगने से 12 साल की कम आयु के 12 बच्चों समेत कुल 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। शव पूरी तरह से जल चुके हैं। ऐसे में उनकी पहचान करना मुश्किल है। हालांकि, सभी मृतकों और उनके परिजनों के नमूने डीएनए जांच के लिए एकत्र किए गए और फोरेंसिक जांच के लिए गांधीनगर भेजे गए। अब तक 25 शवों की पहचान की जा चुकी है और उन्हें उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है। पुलिस के मुताबिक स्कूलों में छुट्टी होने के कारण टीआरपी गेम जोन में बड़ी संख्या में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ मस्ती करने पहुंचे थे। इस हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया। उसे पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया।
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