राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
मथुरा। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा श्री आशीष गर्ग जी के निर्देशानुसार आज दिनांक 11.05.2023 को राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्रीमती नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा की गयी। इस अवसर पर सदन के प्रभारी व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
सदन के प्रभारी द्वारा बताया गया कि आज निरीक्षण दिनांक को राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), मथुरा में कुल 54 किशोर निरूद्ध हैं, जिनमें जनपद मथुरा के 22 तथा हाथरस के 32 किशोर हैं।
प्रभारी द्वारा बताया गया कि किशोरों की शिक्षा हेतु अध्यापक नियुक्त हैं। आज निरीक्षण के दौरान अध्यापक श्री नरेंद्र सिंह उपस्थित पाए गए। शेष 02 अध्यापको की ड्यूटी चुनाव में लगी होना बताया गया। निरीक्षण दौरान प्रभारी द्वारा यह भी बताया गया कि संस्था में निरूद्ध किशोरों को संस्था में रहते हुए मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण प्रदान कराया जाता है तथा एल.ई.डी. बल्ब बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सदन की साफ सफाई का काम चल रहा था।
कुछ किशोर टी0वी0 देख रहे थे तथा कुछ किशोर दैनिक कार्यों से निवृत्त हो रहे थे। उक्त किशोरों से सचिव महोदया द्वारा निशुल्क अधिवक्ता के बारे में पूछा तो सभी किशोरों द्वारा उनके पास व्यक्तिगत अधिवक्ता होना बताया गया। अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि ऐसे किशोर जिनको निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता की आवश्यकता हो, ऐसे किशोर का प्रार्थना पत्र अविलम्ब कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रेषित करना सुनिश्चित करें। सदन में खाने-पीने रहने की किसी भी समस्या से किशोरों द्वारा अवगत नहीं कराया गया। होमगार्डों की ड्यूटी चुनावो में लगने के कारण संस्था की सुरक्षा हेतु कम संख्या में होमगार्ड तैनात थे। प्रभारी द्वारा बताया गया कि किशोरों को मीनू के अनुसार नाश्ता व भोजन दिया जाता है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपस्थित किशोरों को निःशुल्क विधिक सहायता के सम्बंध में बताते हुए कहा कि यदि किसी किशोर को निःशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो वह संस्था के अधीक्षक के माध्यम से अपना प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर सकता है। उपस्थित किशोरों को पोक्सो अधिनियम के सम्बंध में भी जानकारी दी गई। किशोरों से पृथक-पृथक वार्ता की गई एवम उनकी विधिक समस्याओं को सुना गया व उनके निराकरण हेतु प्रभारी को उचित सुझाव दिये गये।
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