राजकीय महिला शरणालय, मथुरा तथा जिला कारागार, मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा श्री राजीव भारती जी के निर्देशानुसार आज दिनांक 13.12.2022 को राजकीय महिला शरणालय, मथुरा तथा जिला कारागार, मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन श्रीमती नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा किया गया।
सर्वप्रथम राजकीय महिला शरणालय के निरीक्षण दौरान प्रभारी अधीक्षिका श्रीमती रितुशरण श्रीवास्तव उपस्थित रहीं। अधीक्षिका द्वारा बताया गया कि आज दिनांक 13.12.2022 को राजकीय महिला शरणालय, मथुरा में कुल 14 संवासिनियां निवासरत है। जिनमें से 06 संवासिनियां मथुरा जनपद की है। मुख्य चिकित्साधिकारी, मथुरा कार्यालय से उपस्थित चिकित्सकों द्वारा दिनांक 08.12.2022 को सवासिनियों का चिकित्सीय परीक्षण किया गया। संवासिनियों की सुरक्षा हेतु निरीक्षण दौरान महिला होमगार्ड उपस्थित मिलीं।
निरीक्षण दौरान अधीक्षिका द्वारा बताया गया कि आज प्रातः संवासिनियों को नाश्ते में अजमाइन पराठा व चाय दिया गया था। दोपहर के भोजन में चने की दाल, चावल, रोटी, मैथीं आलू की सब्जी व सलाद दिया गया। रात्रि के भोजन में मैन्यू के हिसाब से सब्जी, रोटी की व्यवस्था की गई है। संस्था में लगे सी सी टीवी कैमरे ठीक अवस्था में हैँ। सदन में सफाई पर्याप्त मात्रा में पाई गई।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा श्रीमती नीरू शर्मा द्वारा उपस्थित संवासिनियों को उनके विधिक अधिकारों से अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं को सुना गया व उनके निस्तारण हेतु अधीक्षिका को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये।
तदोपरांत जिला कारागार मथुरा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान जेलर श्री महाप्रकाश, डिप्टी जेलर सुश्री करुणेश कुमारी, श्रीमती शिवानी यादव, श्री अनूप कुमार, चिकित्साधिकारी डॉ. उत्पल सरकार, जेल विजिटर श्री ताराचन्द एडवोकेट व जेल बंदी पराविधिक स्वयसेवकगण आदि उपस्थित रहे।
जिला कारागार मथुरा में आज निरीक्षण दौरान कुल 1628 बंदी निरूद्ध होना पाया गया। जिला कारागार चिकित्सालय के निरीक्षण दौरान पाया गया कि इस चिकित्सालय में 54 बंदी मरीजों का ईलाज किया जा रहा है, जिसमे 05 टी.बी. से ग्रसित हैं जिन्हें अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। बंदी मरीजों से पृथक-पृथक वार्ता की गई व सभी के स्वास्थ व ईलाज के बारे में चिकित्सक से जानकारी ली गई। इस चिकित्सालय में बंदी मरीजों के मनोरंजन हेतु एक टी.वी. लगा है, स्वच्छ पानी हेतु एक आर.ओ. लगा पाया गया। जेल अस्पताल में भर्ती बंदी मरीजों की समस्याओं को सुना गया तथा उनके निराकरण हेतु जेल चिकित्सक व जेल प्रशासन को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये। वर्तमान में जेल में निरूद्ध बंदियों को एल०ई०डी० बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जेल में पोशाक बनाने का कार्य भी बंदियों द्वारा किया जा रहा है।
महिला बंदियों हेतु जिला कारागार की महिला बैरक में प्रथक से चिकित्सालय बनाया गया है, जिसमे महिला चिकित्सक व दो नर्सों द्वारा सप्ताह में एक दिन महिला बंदियों का स्वास्थ परीक्षण किया जाता है। महिला बैरक में निरुद्ध महिला बंदियों से वार्ता की गई तथा उनके प्रकरणों की जानकारी ली गई।
पाकशाला (रसोई घर) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान कुछ बंदी सायं का भोजन तैयार कर रहे थे। पाकशाला में साफ-सफाई पाई गई। बंदियों को आज प्रातः नाश्ते में चाय, छोंका चना व गुड तथा दोपहर के भोजन में चना की दाल, सरसों की सब्जी व रोटी दी गई है। सांयकाल के भोजन में रोटी, साबूत मसूड़ की दाल व मूली की सब्जी दी जायेगी। पेयजल हेतु जेल में एक बड़ा आर.ओ. प्लांट लगा है तथा बैरकों में आर.ओ. लगे हैं। वैरकों व जिला कारागार परिसर में साफ सफाई पाई गई।
निरीक्षण दौरान उपस्थित बंदियों से निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई, बदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत / सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया।
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