राकांपा ने अजित पवार, आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले पार्टी के आठ अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है।
मुंबई, 3 जुलाई 2023, (आरएनआई)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले पार्टी के आठ अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, जितेंद्र आव्हाड ने रविवार देर रात नार्वेकर के आवास पर याचिका भेजी थी। अजित पवार के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बाद राकांपा ने आव्हाड को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया है।
नार्वेकर के कार्यालय ने याचिका मिलने की पुष्टि की।
शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने सोमवार को नौ विधायकों को नोटिस भी जारी किया और उनसे कहा कि वे किसी भी मंच पर इस तथ्य को गलत तरीके से पेश करने से बचें कि उनका राकांपा के साथ कोई संबंध है।
राकांपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि ‘इस तरह की कोई भी गलतबयानी पूरी तरह से गैरकानूनी और अवैध होगी’।
पत्र में यह भी कहा गया है, ‘इसलिए, पार्टी ने रविवार को भारत के संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत महाराष्ट्र विधानसभा से इन विधायकों की औपचारिक अयोग्यता के लिए उचित कार्यवाही शुरू कर दी है।’
पार्टी की अनुशासनात्मक समिति ने नौ विधायकों को अयोग्य घोषित करने के संबंध में रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया था।
समिति के प्रमुख जयप्रकाश दांडेगावकर ने प्रस्ताव पारित होने के बाद रविवार देर शाम राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को इस पर रिपोर्ट सौंपी।
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘नौ विधायकों का यह कृत्य उन्हें तत्काल अयोग्य ठहराने लायक है, क्योंकि ऐसे दलबदल न केवल पार्टी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि अगर उन्हें विधानसभा सदस्य बने रहने दिया जाता है तो इसकी बहुत ज्यादा आशंका है कि वे पार्टी के हितों को कमजोर करने की कोशिश करते रहेंगे।’’
इसमें कहा गया कि यह दलबदल ‘‘पार्टी अध्यक्ष की जानकारी या सहमति के बिना’’ इतने गोपनीय तरीके से किया गया कि यह पार्टी छोड़ने के समान है, जिसके कारण उन्हें अयोग्य ठहराया जाना चाहिए।
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘हम इस पर संज्ञान लेते हैं और निर्देश देते हैं कि भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के साथ ही पार्टी के संविधान और नियमों के अनुसार उचित कदम उठाए जाएं। प्रक्रिया के अनुसार पार्टी अध्यक्ष शरद पवार को सूचना दे दी गई है और इस पर चर्चा की गई है।’’
राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार को कहा था कि उनकी पार्टी ने अजित पवार तथा आठ अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को भी एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि राकांपा नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं।
शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित पार्टी को रविवार दोपहर उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए।
सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने वाले राकांपा के आठ अन्य विधायकों में शरद पवार के वफादार रहे छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल भी शामिल हैं।
What's Your Reaction?