रक्षाबंधन पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी शुभकामनाएँ, कहा ‘नारी सशक्तिकरण की दिशा में सरकार लगातार काम करती रहेगी’

Aug 19, 2024 - 16:39
Aug 19, 2024 - 16:39
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रक्षाबंधन पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी शुभकामनाएँ, कहा ‘नारी सशक्तिकरण की दिशा में सरकार लगातार काम करती रहेगी’

उज्जैन (आरएनआई) रक्षाबंधन पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने खाचरौद, उज्जैन में निजानंद धाम में दर्शन-पूजन कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की। इसी के साथ उन्होंने सभी को राखी के पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हम सावन के महीने के प्रारंभ से ही प्रदेशभर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है और नारी सशक्तिकरण की दिशा में सरकार लगातार काम करती रहेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी राखी के पर्व की शुभकामनाएँ 
सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि ‘रक्षाबंधन सारे त्यौहारों का राजा है। ये हमारी सनातन संस्कृति, पुराण संस्कृति, वेदकालीन सभ्यता, महाभारतकालीन सभ्यता..हर समय का अलग उदाहरण है। मेरी तरफ़ से प्रदेशवासियों, देशवासियों को रक्षाबंधन की बधाई। हम सावन माह में पूरे प्रदेश में धूमधाम से ये पर्व मना रहे हैं। बहनों के साथ भाई का संबंध जीवनभर बना रहे। नारी सशक्तिकरण की दिशा में सरकार लगातार काम करती रहेगी। ख़ासकर जनकल्याण की योजनाओं में बहनों की भूमिका बढ़ी है, ऐसे में हम अपनी आधी आबादी का ध्यान रखेंगे तो सरकार और व्यवस्था अपने आप सुचारू चलेगी। पीएम मोदी ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है और आने वाले समय में दुनिया लोकतंत्र की ताकत देखेगी।’ 

देशभर में उल्लास और उत्साह से मनाया जा रहा है रक्षाबंधन 
आज देशभर में रक्षाबंधन का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इसे ‘राखी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। रक्षाबंधन का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को सुदृढ़ करता है, बल्कि यह समाज में परिवारिक मूल्यों और आपसी सौहार्द को भी बढ़ावा देता है। रक्षाबंधन का त्योहार हमें यह सिखाता है कि हमें अपने प्रियजनों की रक्षा और सम्मान के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। साथ ही, यह पर्व भारतीय संस्कृति में निहित सहयोग, समर्पण और आत्मीयता के मूल्यों को भी दर्शाता है।

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