आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित होगी रामनगरी अंतरराष्ट्रीय स्तर की होंगी सुविधाएं
अयोध्या। योगी सरकार अयोध्या को धार्मिक नगरी व सप्तपुरियों में श्रेष्ठ व सनातन संस्कृति का प्रधान केंद्र अयोध्या राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में भी सजा रही है। धर्म, ज्ञान व उत्सव के शहर के रूप में विश्वभर में अयोध्या की पहचान हो, ऐसी कई योजनाओं पर रामनगरी में तेजी से काम चल रहा है। रामनगरी पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त होगी।
सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार अयोध्या का विकास हो रहा है। अयोध्या विश्व की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित हो ऐसी तैयारी है। यहां की पहचान बताने वाले कुंड, सरोवरों को उनकी पौराणिकता सहेजते हुए संवारा जा रहा है। सैकड़ों साल पुराने मठ-मंदिरों का भी सुंदरीकरण काम तेजी से चल रहा है। मठ-मंदिर व धमशालाओं को एक रंग में रंगा जाएगा। अयोध्या को नॉलेज सिटी के रूप में भी पहचान मिलेगी। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनाने की योजना है। देश-दुनिया से आने वाले लोग, साहित्यकार व शोधार्थी यहां वेद, उपनिषद का अध्ययन कर सकेंगे। यहां के इतिहास, कला व संस्कृति की संपूर्ण जानकारी उन्हें इस संग्रहालय के जरिए मिल सकेगी।
रामनगरी उत्सव के शहर के रूप में विश्व भर में पहचान बनाए ऐसी भी तैयारी है। रामनगरी में साल भर उत्सव होते हैं। इन्हें नए कलेवर में भव्यता प्रदान की जाएगी। यहां साल में तीन मेले रामनवमी, श्रावण झूलनोत्सव व कार्तिक परिक्रमा होता है। मंदिर बनने के बाद इन मेलों में 50 लाख से अधिक लोग आएंगें। इसके अलावा यहां नित्य रामलीला, सरयू आरती जैसे महोत्सव का आयोजन होगा। दीपोत्सव का आयोजन 15 दिवसीय करने की योजना है, धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से दीपोत्सव रामनगरी को समृद्धि देगा। नवरात्र से लेकर दीवाली तक विभिन्न आयोजन होंगें। जिसमें देश व विदेश के कलाकारों को अवसर दिया जाएगा। राम की पैड़ी, भरतकुंड व सूर्यकुंड पर नित्य लेजर शो, लाइंट एंड साउंड शो जैसे आयोजनों की रूपरेखा बन रही है।
पर्व व त्योहार का वार्षिक कलेंडर
जनवरी- मकर संक्रांति, फरवरी- मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, मार्च- महाशिवरात्रि, रंगभरी एकादशी, होली, अप्रैल- श्रीरामनवमी, मई-बुद्ध पूर्णिमा, जानकी नवमी, जून-गंगा दशहरा, सरयू जयंती, जुलाई- जगन्नाथ रथयात्रा, गुरू पूर्णिमा, अगस्त- झूलन उत्सव, नाग पंचमी, कृष्ण जन्माष्टमी, संत तुलसीदास जयंती, अक्तूबर- शरद पूर्णिमा, नवरात्र, विजय दशमी, नवंबर- कार्तिक परिक्रमा, दशहरा, दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा स्नान, दिसंबर- श्रीराम विवाहोत्सव
40 देशों के लिए भवन व विभिन्न मठ-मंदिरों के आश्रम भी बनाए जाएंगें
रामनगरी से सटे तीन गांवों की 1450 एकड़ जमीन पर नव्य अयोध्या के नाम से ग्रीनफील्ड टाउनशिप बसाई जा रही है। नव्य अयोध्या में 40 देशों के लिए भवन व विभिन्न मठ-मंदिरों के आश्रम भी बनाए जाएंगें। नव्य अयोध्या के लिए तीन गांवों शाहनेवाजपुर मांझा, मांझा बरहटा व तिहुरा मांझा की जमीन अध्रिगहीत की जा रही है। पहले चरण के लिए 90 फीसदी जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। योजना है कि नव्य अयोध्या में भी विभिन्न प्रकार के उत्सवों, मेला आदि का आयोजन होता रहेगा।
विजन 2047 के तहत हो रहा है काम
विशाल सिंह, उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण ने बताया रामनगरी अंतरराष्ट्रीय स्तर की आध्यात्मिक व पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हो रही है। अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए विजन-2047 का सृजन किया गया है। इसके तहत अयोध्या धर्म, ज्ञान व उत्सव के शहर के रूप में पूरे विश्व में पहचान बनाएगी। रामनगरी की पौराणिकता को सहेजते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। यहां प्रवेश करते ही भक्तों को रामायण युग की अनुभूति होगी। एक साथ पर्यटन व तीर्थाटन दोनों का आनंद भक्त उठा सकेंगे।
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