'ये फैसला लोकतंत्र के लिए उम्मीद की किरण' : कपिल सिब्बल
सिब्बल ने कहा कि 'अगर आपके पास पांच या छह हजार करोड़ रुपये का फंड होगा तो आप अपनी राजनीतिक पार्टी का इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। आरएसएस के ढांचे को मजबूत कर सकते हैं। पूरे देश में अपना कम्युनिकेशन नेटवर्क बना सकते हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) अपने एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगा दी है। विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है और कहा है कि यह फैसला लोकतंत्र के लिए उम्मीद की किरण है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि यह किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र के लिए उम्मीद की किरण है। यह देश के नागरिकों के लिए उम्मीद की किरण है।
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि 'यह पूरी योजना मेरे दिवंगत दोस्त अरुण जेटली के दिमाग की उपज थी, जिसे भाजपा को समृद्ध करने के लिए लाया गया था। सभी जानते हैं कि भाजपा सत्ता में है और चुनावी बॉन्ड योजना का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को ही मिलेगा। मजेदार बात ये है कि चुनावी बॉन्ड योजना का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह असल में उद्योग जगत और भाजपा के बीच का संबंध है, जिसके तहत भाजपा को बड़े पैमाने पर दान मिला। बीते वर्षों में भाजपा को करीब पांच से छह हजार करोड़ रुपये का दान मिला है।' सिब्बल ने कहा कि 'अगर आपके पास पांच या छह हजार करोड़ रुपये का फंड होगा तो आप अपनी राजनीतिक पार्टी का इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। आरएसएस के ढांचे को मजबूत कर सकते हैं। पूरे देश में अपना कम्युनिकेशन नेटवर्क बना सकते हैं।
राज्यसभा सांसद सिब्बल ने कहा 'अब हमें पता चलेगा कि देश की राजनीति को किसने फंड दिया, साथ ही हमें ये भी पता चलेगा कि इस फंडिंग से किसे क्या फायदा मिला क्योंकि कोई भी इतनी बड़ी राशि बिना किसी फायदे के नहीं देगा। इलेक्टोरल बॉन्ड में कोई भी 10-15 लाख रुपये नहीं देगा, लेकिन पैसा करोड़ों में हो सकता है। तो अगर आप किसी राजनीतिक पार्टी को पांच हजार करोड़ रुपये की फंडिंग दे रहे हैं तो आप कल्पना कर सकते हैं कि सिर्फ अमीरों ने फंडिंग की है और इसके बदले में उन्हें कुछ फायदे भी मिले होंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार मिलेंगे और भाजपा का भंडाफोड़ होगा। प्रधानमंत्री कहते रहते हैं कि घोटाला कहां है? लेकिन अब मोदी जी कहां हैं और उनकी आंखों के सामने घोटाला हो रहा था। यह सरकार का घोटाला है।
कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड योजना पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय नोट के मुकाबले वोट की ताकत को और मजबूत करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले से इस बात पर मुहर लग गई है कि भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने चुनावी बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'हम आज उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं जिसने मोदी सरकार की इस 'काला धन रूपांतरण' योजना को "असंवैधानिक" बताते हुए रद्द कर दिया है। हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और वित्त मंत्रालय ने भाजपा का खजाना भरने के लिए हर संस्थान - आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस योजना के तहत 95 प्रतिशत चंदा भाजपा को मिला।' उनका कहना था, 'हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और उच्चतम न्यायालय की बात सुनेगी ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहे।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'नरेन्द्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। भाजपा ने चुनावी बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है।
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