युद्ध के बीच पुतिन का तुर्किये दौरा एर्दोगन बोले तारीख तय नहीं लेकिन उम्मीद है कि इसी महीने आएंगे
एर्दोगन ने कहा, इन वार्ताओं की रूपरेखा के भीतर, मुझे लगता है कि यह यात्रा उम्मीद के मुताबिक अगस्त में ही होगी। समाचार एजेंसी एए के अनुसार, एर्दोगन का यह बयान बुधवार को पुतिन के साथ एक फोन कॉल के बाद आया है। बाचतीच के दौरान वे सहमत हुए हैं कि पुतिन आने वाले दिनों में तुर्किये का दौरा करेंगे।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी तुर्किये यात्रा को लेकर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन बातचीत चल रही है और पुतिन के अगस्त में आने की उम्मीद है। तुर्किये की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु अजांसी (एए) ने यह जानकारी दी है। एर्दोगन ने इस्तांबुल में शुक्रवार की नमाज के बाद संवाददाताओं से कहा कि तारीख स्पष्ट नहीं है, लेकिन विदेश मंत्री, खुफिया संगठन के प्रमुख, वे सभी बातचीत कर रहे हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी तुर्किये यात्रा को लेकर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन बातचीत चल रही है और पुतिन के अगस्त में आने की उम्मीद है। तुर्किये की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु अजांसी (एए) ने यह जानकारी दी है। एर्दोगन ने इस्तांबुल में शुक्रवार की नमाज के बाद संवाददाताओं से कहा कि तारीख स्पष्ट नहीं है, लेकिन विदेश मंत्री, खुफिया संगठन के प्रमुख, वे सभी बातचीत कर रहे हैं।
एर्दोगन ने कहा, इन वार्ताओं की रूपरेखा के भीतर, मुझे लगता है कि यह यात्रा उम्मीद के मुताबिक अगस्त में ही होगी। समाचार एजेंसी एए के अनुसार, एर्दोगन का यह बयान बुधवार को पुतिन के साथ एक फोन कॉल के बाद आया है। बाचतीच के दौरान वे सहमत हुए हैं कि पुतिन आने वाले दिनों में तुर्किये का दौरा करेंगे। एर्दोगन ने पुतिन से यह भी कहा कि तुर्किये काला सागर अनाज सौदे को फिर से शुरू करने के लिए अपने गहन प्रयास और कूटनीति जारी रखेगा।
रूस 17 जुलाई को यूक्रेनी काला सागर बंदरगाहों से अनाज निर्यात को बहाल करने के लिए तुर्किये, संयुक्त राष्ट्र और यूक्रेन के साथ जुलाई 2022 में किए गए समझौते से पीछे हट गया। मॉस्को ने इस बात पर विरोध जताया कि समझौते के रूसी हिस्से का पालन नहीं किया गया। अफ्रीकी देशों को मुफ्त में अनाज भेजने की पुतिन की हालिया पेशकश पर एर्दोगन ने कहा, हम इस मुद्दे पर रूस के साथ हैं, यानी हम काला सागर गलियारे के माध्यम से रूस से आने वाले अनाज को आटे में बदल देंगे और हम इस आटे को गरीब अफ्रीकी देशों और अविकसित देशों तक पहुंचाएंगे।
उन्होंने कहा, अब भी तुर्किये ये कदम उठाता रहेगा और गरीब देशों को अपना समर्थन और सहायता देता रहेगा। बयान के मुताबिक, बुधवार को फोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेता पुतिन की तुर्किये यात्रा पर भी सहमत हुए। बयान में कहा गया है, यह व्यक्त करते हुए कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान तनाव बढ़ाने के लिए कदम नहीं उठाए जाने चाहिए, राष्ट्रपति एर्दोगन ने काला सागर पहल के महत्व को रेखांकित किया, जिसे वह 'शांति का पुल' मानते हैं।
बयान में आगे कहा गया है, यह इंगित करते हुए कि काला सागर पहल के ज्यादा दिनों तक बंद होने से किसी को कोई लाभ नहीं होगा और अनाज की जरूरत वाले और कम आय वाले देशों को सबसे अधिक नुकसान होगा। राष्ट्रपति एर्दोगन ने बताया कि अनाज की कीमतें, जो कार्यान्वयन अवधि के दौरान 23 प्रतिशत कम हुईं थीं, पिछले दो हफ्तों में 15 प्रतिशत बढ़ गईं।
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