मथुरा: यमुना एक्सप्रेस-वे पर नहीं चलेंगे ट्रैक्टर-ट्रॉली, हादसों पर अंकुश लगाने के लिए अथॉरिटी का फैसला
ट्रैक्टरों की रफ्तार पर यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने ब्रेक लगा दिया है। अथॉरिटी के इस कदम के बाद किसान परेशान हैं। वे इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन की रणनीति बना रहे हैं।
मथुरा (आरएनआई) यमुना एक्सप्रेस-वे पर अब ट्रैक्टर नहीं दौड़ पाएंगे। ट्रैक्टरों की रफ्तार पर यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने ब्रेक लगा दिया है। अथॉरिटी के इस कदम के बाद किसान परेशान हैं। वे इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन की रणनीति बना रहे हैं। हालांकि अथॉरिटी ने यह निर्णय भी लिया गया है कि जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण इस एक्सप्रेस-वे में हुआ है उन्हें इससे छूट मिलेगी। वे अपना ट्रैक्टर एक्सप्रेस-वे पर ले जा सकेंगे।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हो रहे हादसों पर रोक लगाने के लिए अथॉरिटी यमुना एक्सप्रेस-वे पर अब ट्रैक्टरों के चलने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया है। यदि कोई ट्रैक्टर इस एक्सप्रेस-वे पर पहुंच रहा है तो टोल कर्मी उसे टोल पार करने से पहले ही लौटा रहे हैं। इसे लेकर कई टोल प्लाजा पर नोकझोंक भी हो रही है। दरअसल व्यावसायिक कार्यों में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली की वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे का खतरा बना रहता था।
अथॉरिटी अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली की रफ्तार एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले अन्य वाहनों की तुलना में काफी धीमी रहती थी। इस वजह से हादसे होते रहे हैं। टोल प्लाजा मांट के मैनेजर देवेंद्र सिंह ने बताया कि आदेश मिलने के बाद से एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर नहीं चलने दिए जा रहे हैं।
मथुरा से एक्सप्रेस-वे के जरिए एनसीआर में ईंट, बालू समेत भवन निर्माण सामग्री की तगड़ी आपूर्ति होती है। इसका बड़ा माध्यम ट्रैक्टर-ट्रॉली बने हैं। उधर किसानों का कहना है कि जो लोग व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं उन पर अंकुश लगे पर किसान यदि अपने काम के लिए ट्रैक्टर-ट्राॅली ले जा रहा है तो उसे एक्सप्रेस-वे पर रोकना पूरी तरह गलत है। किसान नेता रामवीर सिंह तोमर ने प्राधिकरण के इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस फैसले से किसानों को बड़ा नुकसान होगा। फसल को मंडी तक ले किसानों को दिक्कत होगी। किसानों पर खर्चे का बोझ बढ़ जाएगा। इसलिए प्राधिकरण को इस फैसले को वापस लेना चाहिए। साथ ही ट्रैक्टर-ट्रॉली पर टोल फीस माफ होनी चाहिए।
जेवर टोल प्लाजा के मैनेजर जेके शर्मा ने बताया कि आदेश प्राप्त होने के बाद तत्काल एक्सप्रेस-वे से होकर गुजरने वाले ट्रैक्टरों पर रोक लगाई जा रही है। इसके बाद भी कुछ ट्रैक्टर चालक जबरन एक्सप्रेस-वे से होकर ट्रैक्टर ले जाने का प्रयास करते हैं। ऐसे ट्रैक्टर चालकों को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन की भी मदद ली जा रही है।
एक्सप्रेस-वे पर हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित है। जबकि भारी वाहनों के लिए रफ्तार सीमा 80 किमी प्रति घंटा है। हालांकि यह अधिकतम गति सीमा है पर यहां ज्यादा धीमा चलना भी घातक साबित हो जाता है। चूंकि ट्रैक्टर-ट्रॉली की रफ्तार इसके सापेक्ष काफी कम होती है। ऐसे में तेज रफ्तार वाहन ट्रैक्टर ट्रॉली की चपेट में आकर हादसे का शिकार हो जाते हैं।
एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों पर रोक लगाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सभी टोल कर्मियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। केवल ऐसे किसानों को छूट दी गई जिनकी जमीन का अधिग्रहण एक्सप्रेस में हुआ है। इस संबंध में संबंधित सभी जिलाधिकारियों से वार्ता कर ली गई है।
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