मोहन कैबिनेट का विस्तार, रामनिवास रावत ने ली मंत्री पद की शपथ

Jul 8, 2024 - 13:22
Jul 8, 2024 - 13:24
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मोहन कैबिनेट का विस्तार, रामनिवास रावत ने ली मंत्री पद की शपथ

भोपाल (आरएनआई) आज मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ। कांग्रेस से बीजेपी में आए वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने मंत्रीपद की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद रामनिवास रावत ने बताया कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। दरअसल शपथ ग्रहण के बाद इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई थी कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं या राज्य मंत्री। अब इसे लेकर ख़ुद उन्होंने स्थिति साफ कर दी है। बता दें कि अब तक मुख्यमंत्री सहित मध्य प्रदेश कैबिनेट में 30 मंत्री शामिल थे, अब रावत को मिलाकर इनकी संख्या 31 हो गई है।

रामनिवास रावत बने मोहन कैबिनेट में मंत्री
रामनिवास रावत आज मोहन कैबिनेट में शामिल हो गए। वो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में आए थे। श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से वे छह बार विधायक रह चुके हैं। मंत्री पद की शपथ लेने से पहले उन्होंने विधायक पद से इस्तीफ़ा दे दिया। अब वे बीजेपी प्रत्याशी के रूप में विजयपुर सीट से उपचुनाव लड़ेंगे। रामनिवास रावत ओबीसी वर्ग के बड़े नेता हैं और विधानसभा चुनाव के बाद जीतू पटवारी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से पार्टी से नाराज़ चल रहे थे। मध्य प्रदेश में कैबिनेट का आकार 34 मंत्रियों का है। राज्य में वर्तमान में रामनिवास रावत को मिलाकर कैबिनेट में 31 मंत्री हो गए हैं। ऐसे में अभी 3 और मंत्रियों के लिए जगह खाली है। अनुमान है आने वाले समय में जल्द ही कुछ और नेता भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

कांग्रेस से नाराज़गी के चलते बीजेपी में हुए थे शामिल
अब मोहन मंत्रीमंडल में शामिल हो चुके रामनिवास रावत दिग्विजय सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कांग्रेस ने उन्हें 8 बार विधायक प्रत्याशी बनाया जिसमें से 6 बार वे जीते और दो बार हार गए। वहीं दो बार वे सांसद पद के लिए भी कांग्रेस प्रत्याशी रहे, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद से ही कांग्रेस आलाकमानी की अनदेखी और नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने को लेकर वो पार्टी से नाराज़ चल रहे थे। कमलनाथ सरकार में भी उन्हें कोई पद नहीं दिया गया था। वहीं जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लेकर भी उनकी नाराज़गी थी। इन सब बातों के चलते लोकसभा चुनाव से पहले तीस अप्रैल को वो बीजेपी में शामिल हो गए और अब मोहन कैबिनेट का हिस्सा भी बन गए हैं।


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