'मैं किसान का बेटा, झुकुंगा नहीं', राज्यसभा में गरजे धनखड़; खरगे का पलटवार- मैं भी मजदूर का बेटा
राधा मोहन दास अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर उपराष्ट्रपति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। भाजपा सांसद ने उपराष्ट्रपति की तारीफ की। इस पर विपक्ष भड़क गया।
नई दिल्ली (आरएनआई) राज्यसभा में सभापति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने का मुद्दा उठा, जिस पर हंगामा हो गया। भाजपा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव में नियमों का पालन नहीं किया गया। महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है और फिर उस पर सदन में चर्चा होती है, लेकिन उससे पहले ही मीडिया में आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा उपराष्ट्रपति को कभी सम्मान नहीं दिया गया। राधा मोहन दास अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर उपराष्ट्रपति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। भाजपा सांसद ने उपराष्ट्रपति की तारीफ की। इस पर विपक्ष भड़क गया।
विपक्ष ने जब हंगामा शुरू किया तो सभापति ने इस पर नाराजगी जाहिर की। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जब अपनी बात रखी तो सभापति नाराज हो गए और बोले कि 'मैं किसान का बेटा हूं और किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं पड़ूंगा।' इस पर राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 'सदन परंपरा और नियमों से चलेगा और निष्पक्षता से चलेगा। ' खरगे ने कहा कि 'आप अगर किसान हैं तो मैं मजदूर का बेटा हूं।' खरगे ने कहा कि 'आप विपक्ष का अपमान कर रहे हैं। हम आपकी तारीफ सुनने के लिए नहीं आए हैं। हम देश के मुद्दों पर चर्चा के लिए आए हैं।
इस पर सभापति ने कहा कि पूरा देश जानता है कि आपको किनकी तारीफ पसंद है। आप अपनी बात रखिए। खरगे ने कहा कि 'आप मेरा अपमान कर रहे हैं तो मैं आपका सम्मान कैसे कर सकता हूं।' जब हंगामा शांत नहीं हो सका, तो सभापति धनखड़ ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। विपक्षी दलों ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए अनुच्छेद 67बी के तहत नोटिस दिया। ये नोटिस राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया। देश में 72 साल के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में राज्यसभा सभापति के खिलाफ कभी महाभियोग नहीं आया था। राज्यसभा के सभापति को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 14 दिन पहले नोटिस दिया जाना जरूरी होता है, जबकि संसद का शीतकालीन सत्र ही 20 दिसंबर तक चलना है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?