मुजफ्फरनगर में छात्राओं ने बुर्के में किया कैटवॉक, विरोध में जमीयत उलेमा
मुजफ्फरनगर में श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेस में फैशन स्पलैश 2023 के अंतिम दिन कार्यक्रम हुआ। इसमें छात्राओं ने बुर्के में कैटवॉक किया। इसके विरोध में जमीयत उतर आई है। संगठन का कहना है कि यह बेहद निंदनीय है।
मुजफ्फरनगर, (आरएनआई) मुजफ्फरनगर के श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज में फैशन स्पलैश 2023 के अंतिम दिन बुर्के में रैंप पर छात्राओं से कराए गए कैटवॉक पर जमीयत उलेमा ने नाराजगी जताई है। संगठन का कहना है कि यह बेहद निंदनीय है। बच्चों को शिक्षा के बजाय गलत चीजों में उलझाया जा रहा है।
बुर्का किसी फैशन शो का हिस्सा नहीं हो सकता। इस तरह के लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। रविवार देर रात तक कार्यक्रम हुआ। बॉलीवुड अभिनेत्री मंदाकिनी और टीवी कलाकार राधिका गौतम ने छात्राओं का कैटवॉक और उनके बनाए परिधानों का अवलोकन किया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की थीम पर फैशन डिजाइनिंग की 13 छात्राओं ने रैंप पर बुर्के में कैटवॉक किया था। सोमवार को जमीयत उलमा के जिला कन्वीनर मौलाना मुकर्रम काजमी ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।
बुर्के में कैटवॉक मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाला है। भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित नहीं कराए जाने चाहिए। बुर्का किसी फैशन शो का हिस्सा नहीं है, बल्कि बुर्का मुसलमानों में पर्दों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
सहारनपुर के देवबंद से पहुंची छात्रा अलीना ने कहा कि हमने यह दिखाने की कोशिश की है कि बुर्का फैशन में भी शामिल हो सकता है। सिर्फ नए फैशन के कपड़े पहनना ही जरूरी नहीं है। पहले छोटे कपड़े तैयार किए जा रहे थे, लेकिन हमने फैशन में बुर्के को शामिल कर रचनात्मकता दिखाई है। हम फैशन डिजाइनिंग की छात्रा हैं और हमारा अनुभव अच्छा रहा है।
श्रीराम कॉलेज के ललित कला विभाग के निदेशक डॉ. मनोज धीमान का कहना है कि हिजाब को फैशन से जोड़कर दिखाया गया है। लड़कियां आगे बढ़ रही हैं। शिक्षा में किसी धर्म को नहीं जोड़ा जा सकता। लड़कियों को पढ़ना चाहिए। लड़कियों ने हिजाब को लेकर मेहनत की और अपनी बेहतर प्रस्तुति दी।
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