मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन की अपने मंत्रिमंडल पर नजर
झारखंड में आठ जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। चार जुलाई को हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। 28 जून को करीब पांच महीने बाद हेमंत को जेल से रिहा किया गया था।
रांची (आरएनआई) झारखंड में हाल ही में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला है। 28 जून को हेमंत सोरेन जेल से बाहर निकले और इसके बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद विपक्षी गठबंधन की बैठक में हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। बैठक के ठीक अगले दिन चार जुलाई को हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने। अब कल यानी आठ जुलाई को झारखंड में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। राजभवन में गुरुवार को केवल हेमंत सोरेन को सीएम पद की शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद अन्य सहयोगियों को शपथ दिलाई जाएगी।
झारखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा था, ‘2019 से ही वर्तमान महागठबंधन सरकार ने झारखंड की जनता के हित को देखते हुए ही सभी काम किए हैं। राजनीतिक उतार-चढ़ाव के दौरान चंपई सोरेन ने उन्हीं पहलों को आगे बढ़ाया। अब कोर्ट के आदेश के बाद मैं बाहर आ सका हूं।' उधर झारखंड के कांग्रेस नेता अजय कुमार का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन, इस वर्ष राज्य में होने वाले वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन (इंडिया) का चेहरा होंगे। अजय कुमार कहा कि हेमंत सोरेन को बिना किसी सबूत के पांच महीने तक जेल में रखा गया। इस वजह से दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों में नाराजगी है।
28 जून को हेमंत सोरेन उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। इसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। उन पर जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में धनशोधन का आरोप था। प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था और इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
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