'मुंबई की तरह अन्य शहरों में भी हमले की साजिश रच रहा था तहव्वुर राणा', एनआईए का दावा
जज चंद्रजीत सिंह ने अपने आदेश में एनआईए को निर्देश दिया कि वे हर 24 घंटे में तहव्वुर राणा की मेडिकल जांच कराएं और उसे वैकल्पिक दिनों पर अपने वकील से मिलने की इजाजत दी जाए। यह मुलाकात एनआईए अधिकारी की मौजूदगी में ही होगी।

नई दिल्ली (आरएनआई) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 10 अप्रैल को दिल्ली की अदालत में सुनवाई के दौरान कहा कि तहव्वुर राणा ने मुंबई की तरह ही देश के अन्य शहरों में भी आतंकी हमले की साजिश रच रहा था। एनआईए ने विशेष जज चंद्रजीत सिंह की अदालत में यह दावा किया। सुनवाई के बाद जज ने तहव्वुर राणा को 18 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया।
जज चंद्रजीत सिंह ने अपने आदेश में एनआईए को निर्देश दिया कि वे हर 24 घंटे में तहव्वुर राणा की मेडिकल जांच कराएं और उसे वैकल्पिक दिनों पर अपने वकील से मिलने की इजाजत दी जाए। हालांकि यह मुलाकात एनआईए अधिकारी की मौजूदगी में ही होगी। एनआईए अधिकारी को तहव्वुर राणा और उसके वकील की मुलाकात के दौरान कुछ दूरी पर खड़े होना होगा, लेकिन सिर्फ इतनी दूरी कि वह दोनों की बात सुन सके।
सुनवाई के दौरान एनआईए ने तर्क दिया कि मुंबई हमले की पूरी साजिश को बेनकाब करने के लिए विस्तृत पूछताछ की जरूरत होगी और उसे हमले वाली जगहों पर लेकर जाने की जरूरत होगी ताकि क्राइम सीन को रिक्रिएट किया जा सके। एनआईए के डीआईजी, एक आईजी और दिल्ली पुलिस के पांच डीसीपी सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहे। तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत लाया जाना, भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।
साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस हमले में कई पुलिसकर्मी शहीद हुए थे, जिसमें मुंबई पुलिस के तीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे। पाकिस्तान से आए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने इस भीषण हमले को अंजाम दिया था। इनमें से एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा भी पकड़ा गया था, जिसे साल 2012 में फांसी दे दी गई।
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