मास्टर स्ट्रोक से वाल्मीकि समाज को साधा, पीएम ने प्रभु राम से रिश्तों की महिमा भी बताई
पीएम मोदी ने मास्टर स्ट्रोक से वाल्मीकि समाज को साधा। रामायण के रचयिता के प्रभु राम से रिश्तों की महिमा का बखान किया। इसके साथ ही यूपी में दो करोड़ से अधिक की आबादी की भावना से खुद को जोड़ लिया।
अयोध्या (आरएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कदम के पीछे एक बड़ा संदेश होता है। अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए नामकरण के पीछे भी ऐसा ही रहा। इसे उन्होंने यहां आने पर काफी हद तक स्पष्ट भी किया। उनका यह मास्टर स्ट्रोक समूचे वाल्मीकि समाज को साधने वाला रहा।
संस्कृत में रामायण महाकाव्य के रचियता महर्षि वाल्मीकि के प्रभु श्रीराम से रिश्तों की महिमा का बखान किया। इसके माध्यम से पीएम ने यूपी में दो करोड़ से अधिक की आबादी की भावना से खुद को जोड़ा।
पीएम मोदी के अयोध्या आने से ठीक एक दिन पहले अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदल दिया गया। पहले इसे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता था। अब इसे महर्षि वाल्मीकि के नाम से नई पहचान दी गई। खुद पीएम ने ही सोशल मीडिया एक्स पर यह जानकारी दी।
इसी के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल शुरू हो गई। पीएम का यह कदम दलित राजनीति के जानकारों के बीच विमर्श का नया विषय बन गया। पीएम मोदी ने अयोध्या आने के बाद इस विषय पर विस्तार से चर्चा भी की।
दलितों का एक बड़ा वर्ग महर्षि वाल्मीकि को पूजता है। यूपी में एक अनुमान के मुताबिक वाल्मीकि समाज की आबादी सवा दो करोड़ के करीब है। प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या के एयरपोर्ट के नामकरण के माध्यम से इस बड़े वर्ग को साधने का दांव तो चला ही है, साथ ही वाल्मीकि समाज को अलग पहचान देने का भी प्रयास किया है। इस बारे में अभी तक किसी राजनेता ने नहीं सोचा था।
एयरपोर्ट का लोकार्पण करने के बाद रैली में पीएम मोदी के संबोधन का एक केंद्र बिंदु महर्षि वाल्मीकि भी रहे। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में अयोध्या कैसी रही, इसका विशेष वर्णन महर्षि वाल्मीकि ने किया है। उन्होंने लिखा है ''महान अयोध्या पुरी धन धान्य से परिपूर्ण और समृद्ध थी, आनंद से भरी थी, वैराग्य था तो वैभव भी शिखर पर था''।
फिर मोदी बोले, अयोध्या की उसी पुरातन पहचान को आधुनिकता से जोड़कर वापस लाना है। एयरपोर्ट का नाम वाल्मीकि के नाम पर रखने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने रामायण के माध्यम से प्रभु राम के कृतित्व से अवगत कराया।
उनका रचित रामायण वह ज्ञान मार्ग है जो प्रभु राम से हमें जोड़ता है। इसीलिए श्रीराम ने उनके बारे में कहा था कि ''हे मुनिनाथ आप त्रिकालदर्शी हैं, संपूर्ण विश्व आपके हाथ में रखे बेर के समान है''। ऐसे त्रिकालदर्शी के नाम से एयरपोर्ट देश-विदेश से यहां आने वाले हर यात्री को धन्य कर देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में मिले प्यार और आशीर्वाद का ह्रदय से आभार जताया। हवाई अड्डे से निकलने के बाद अयोध्या धाम तक रोड शो में यहां के नागरिकों के उत्साह और उमंग से वह रैली में अभिभूत दिखे। इसीलिए अपने संबोधन की शुरुआत में ही उन्होंने अपने मन की बात कह डाली। रैली में संबोधन शुरू किया तो रोड शो जैसा ही उल्लास हर तरफ छलक उठा।
मोदी-मोदी के नारों के बीच वह बोले अयोध्या जी के सभी लोगों को मेरा प्रणाम। पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रही है। ऐसे में अयोध्यावासियों में ये उत्साह और उमंग स्वाभाविक है। अयोध्या की मिट्टी के कण-कण और जन-जन का मैं आभारी हूं। मैं भी उतना ही उत्सुक हूं जितना आप।
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