मानहानि से जुड़े मामले में दिग्विजय सिंह को बड़ी राहत, एमपी-एमएलए कोर्ट ग्वालियर ने किया बरी
ग्वालियर (आरएनआई) भाजपा, आरएसएस और बजरंग दल पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध रखने के मामले में मानहानि प्रकरण का सामना कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आज ग्वालियर की एमपी- एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया, इस मामले में दोनों पक्षों के बयान पहले ही दर्ज हो चुके थे आज केवल फैसले का दिन था और कोर्ट ने दिग्विजय सिंह को आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।
ग्वालियर जिला न्यायालय की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने आज अपने फैसले में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को मानहानि से जुड़े मामले में बड़ी राहत प्रदान की, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र सैनी की कोर्ट में सुनवाई के बाद आज फैसला देते हुए कोर्ट ने धारा 499 के नौवे सेक्शन के आधार पर दिग्विजय सिंह को बरी कर दिया।
दिग्विजय सिंह के वकील ने कहा कि दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाने वाले एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने दिग्विजय सिंह पर जो आरोप लगाये थे वो झूठे सिद्ध हुए इसलिए कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया, उन्होंने कहा कि एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ना तो भाजपा के सदस्य है, ना आरएसएस और ना बजरंग दल के सदस्य हैं, उनके द्वारा चर्चा का विषय बनाने के लिए ये परिवाद दायर किया गया था जो झूठा साबित हुआ।
उधर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे कोर्ट ने आज दोषमुक्त कर दिया है, उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर 6 मामले चल रहे हैं इनमें से अभी पांच और बचे है इनमें आरएसएस ने मानहानि, दो ओवैसी की पार्टी ने किये है एक बाबा रामदेव ने किया है, ये जितने भी केस हैं वो इसलिए है कि मेरा कहा सच चुभता है। उन्होंने कहा कि मैंने बाबा रामदेव को 2011 में ठग कहा था अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें ठग कह दिया है, बार बार टारगेट किये जाने के सवाल पर दिग्विजय सिंह मैं अच्छा टारगेट हूँ इसलिए मुझे बार बार टारगेट करते हैं।
दरअसल 2019 में चुनावी दौरे के दौरान दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए भाजपा, आरएसएस और बजरंग दल पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के गंभीर आरोप लगाये थे, उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई उन्हें इसके बदले पैसे देती है। दिग्विजय सिंह के आरोपों के बाद एडवोकेट एवं भाजपा नेता अवधेश सिंह भदौरिया ने ग्वालियर जिला न्यायालय की विशेष अदालत में मानहानि के लिए परिवाद दायर किया था।
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