मानसून से खुलेगी व्यवस्थाओं की पोल, जलमग्न होगा मथुरा शहर!!!
शहर में वर्षा जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होना; नालो की ठीक से सफाई नहीं करने से बरसात के दौरान जलभराव की समस्या विकट हो रही है
मथुरा (आरएनआई) वर्तमान में लोकसभा व राज्यसभा में सदस्य भेजने वाला एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में स्थान रखने वाले मथुरा की बदकिस्मती है कि पिछले 30 वर्षों से शहर की जनता को पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नगर निगम आज तक नहीं दे पाया।
आज से चार दशक पूर्व मथुरा की उस वक्त की आबादी के अनुसार निर्मित एकमात्र नाला अंतापाड़ा में हुआ करता था। जैसे-जैसे मथुरा की आबादी बढ़ती गई उसके साथ ही दो नए नाले का निर्माण हुआ। जो औद्योगिक क्षेत्र की जल निकासी के लिए महोली रोड पर बनाया गया। इसके साथ ही बीएसए कॉलेज के पास भी नाला बनाया गया।
धीरे-धीरे उक्त दोनों नाले भी विकसित होते गए एवं अपने संपूर्ण वेग में आने लगे। वर्तमान में दोनों ही नाले नेशनल हाईवे से लेकर ब्रज नगर तक समांतर दिशा में बह रहे हैं। इसके बाद दोनों नालों का संगम जंक्शन रोड पर बेहतरीन अभियांत्रिकी के नमूने के साथ जोड़ा जाता है।
बरसात में जब उक्त दोनों नाले अपने भरपूर वेग के साथ चलते हैं। उस वक्त संगम स्थल पर आकर एक नाला रुक जाता है और दूसरे का प्रवाह निरंतर जारी रहता है। जिसके कारण संगम स्थल के आसपास की जगह टापू की तरह नजर आती है। इस दौरान मथुरा के भूतेश्वर बस स्टैंड एवं रेलवे पुल पर इतना अधिक जल भराव हो जाता है की शहर दो भागों में बट जाता है। जिसका निदान आज तक किसी के पास भी नहीं है।
पिछले तीन दशक में शायद उक्त दोनों नाले तीन बार ही साफ किए गए हैं। जिसमें श्याम सुंदर उपाध्याय 'बिट्टू भैया' के कार्यकाल का समय मथुरा की जनता सदैव याद करती है। जिसमें उक्त दोनों नाले की सफाई की गई थी।
वर्तमान में ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बाद भी दोनों नालों मे सिर्फ कागजों में ही सफाई अभियान चलाया जा रहा है। आने वाले मानसून के बाद फिर यही स्थिति मथुरा की होने वाली है। शहर फिर जल भराव एवं दो भागों में बटने जा रहा है।
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