मानसून की बारिश के बाद नेपाल ने छोड़ा पानी, गोरखपुर-बस्ती मंडल में बाढ़ का खतरा बढ़ा; आपदा विभाग 'अलर्ट'
नेपाल के साथ ही स्थानीय स्तर पर तेज बारिश के कारण गोरखपुर-बस्ती मंडल में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया और सिद्घार्थनगर में राप्ती, बूढ़ी राप्ती, गंडक और सरयू खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। इससे बंधों पर दबाव और बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। कुशीनगर में रविवार को बाढ़ में फंसे करीब सौ किसानों को एनडीआरएफ की टीम ने निकाला।
गोरखपुर (आरएनआई) नेपाल के साथ ही स्थानीय स्तर पर तेज बारिश के कारण गोरखपुर-बस्ती मंडल में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया और सिद्घार्थनगर में राप्ती, बूढ़ी राप्ती, गंडक और सरयू खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। इससे बंधों पर दबाव और बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। कुशीनगर में रविवार को बाढ़ में फंसे करीब सौ किसानों को एनडीआरएफ की टीम ने निकाला।
शनिवार की रात नेपाल से 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कुशीनगर में बड़ी गंडक खतरे के निशान से 22 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई। इससे 12 से अधिक गांव बाढ़ में घिर गए। अचानक पानी आने से नदी पार खेती करने गए करीब 100 किसान फंस गए, जिन्हें एनडीआरएफ की मदद से बचाया गया।
वहीं, महराजगंज में खतरे का निशान पार कर चुकी गंडक का पानी भी कई गांवों में घुस गया, जिससे लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
उधर, नेपाल के बांके जिले में राप्ती नदी पर स्थित कुसुम बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। इससे सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती में उफान आ गया है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर पहुंच गया है।
अन्य सहायक नदियां भी चेतावनी बिंदु के करीब हैं। खतरे को देखते हुए प्रभावित गांवों के लोग पलायन करने लगे हैं। वहीं, देवरिया के भागलपुर में सरयू नदी खतरे के निशान से आधा सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
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