मानव जीवन में भगवद चिंतन परम आवश्यक : संत प्रेमधन लालन महाराज
वृंदावन। दुसायत क्षेत्र स्थित श्रीराधा कृपा आश्रम में प्रख्यात संत व विदुषी मां ब्रजदेवी के पावन सानिध्य में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में अंतिम दिन संत प्रेमधन लालन महाराज ने भागवत जी का सार बताते हुए कहा कि भक्ति सुदामा जैसी करनी चाहिए। तभी भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति संभव है। भक्त सुदामा महाराज की भक्ति का भावपूर्ण वर्णन करते हुए बताया कि संसार से मांगने पर भी हमको कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।परंतु भगवान की भक्ति से हमको हमारे जीवन में सब कुछ मिल सकता है।लेकिन वह भक्ति सरल भाव से करनी चाहिए।
संतश्री ने बताया कि सुबह शाम पूजा करने के समय भगवद चिंतन परम आवश्यक है। नाम जप के बाद में अगली सीढी चिंतन ही है।जब भगवान श्रीकृष्ण ने उद्धव को उपदेश देते हुए कहा कि जो व्यक्ति मेरे साथ संबंध जोड़ कर भक्ति करेगा और मुझे पूर्णत: मानेगा, तभी उसकी भक्ति पुष्ट होगी और मेरी प्राप्ति भी अवश्य ही होगी।पद्म पुराण के अनुसार भगवान शंकर ने नारदजी को बताया कि जो भी मनुष्य भगवान श्रीकृष्ण की आत्मा स्वरूपा श्रीराधा रानी के चरणों में समर्पित हो जाता है उसको भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति निश्चित ही जाती हैं।
विदुषी संत मां ब्रजदेवी ने सभी भक्तों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि इस पावन धरा पर श्रीमद्भागवत श्रवण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।साथ ही श्रीराधा रानी के चरणों की भी भक्ति प्राप्त हो जाती है।
इस अवसर पर प्रसिद्ध रासाचार्य स्वामी फतेहकृष्ण शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, डॉ. हरेकृष्ण शर्मा (शरद), स्वामी कृष्णदास, स्वामी राधाकांत शर्मा , साध्वी कुंजदासी, अजय सोमानी, स्नेहलता सोमानी, सोनिया टोकसिया, कुसुम टोकसिया, साध्वी राधादासी, शशि आहूजा, सरोज गोयल, पुष्पा बेन पटेल, नीरू गोयल, करण गोयल, ऋषभ रूईया (मुम्बई) एवं अंजू केशवानी आदि उपस्थित थे। प्रमुख यजमान केशव प्रसाद रूईया, सुनीता रूईया संयुक्त रूप से सभी को प्रणाम कर सभी का आभार प्रकट किया।
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