महिला आरक्षण बिल की खामियों पर बोली बीआरएस एमएलसी
तेलंगाना करे मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत 47 राजनीतिक दलों के सुप्रीमों को आपसी मतभेद भूलाकर संसद के विशेष सत्र में शामिल होने और महिला आरक्षण बिल को पारित करने करने की प्रथमिकता देने के लिए पत्र लिखा था।
नई दिल्ली। (आरएनआई) देश में महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद भारत राष्ट्र समिति (बीआरसी) एमएलसी के कविता ने इसकी सरहना की है। उन्होंने कहा कि यह राजनीति में महिलाओं की मजबूत और अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कविता ने कानून से ओबीसी उप कोटा को विधेयक के ड्राफ्ट से बाहर करना दर्दनाक बताया है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत 47 राजनीतिक दलों के सुप्रीमों को आपसी मतभेद भूलाकर संसद के विशेष सत्र में शामिल होने और महिला आरक्षण बिल को पारित करने को प्रथमिकता देने के लिए पत्र लिखा था। इससे पहले बीआरएस एमएलसी इस बिल को पेश करने और पारित करने की मांग पर भूख हड़ताल पर भी बैठी थी।
नीचले सदन में भारी बहुमत से पारित होने के बाद के कविता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं इस बिल के पारित होने पर सभी साथी नागरिकों, विशेषकर महिलओं को बधाई देती हूं। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। के कविता ने विधेयक के ड्राफ्ट से ओबीसी उप कोटा को बाहर करना दर्दनाक बताया है। इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ओबीसी महिलाओं के लिए उप कोटा प्रदान न करना दुखद है। उन्हें एक उप कोटा जोड़ना चाहिए था। विधेयक में आरक्षण दिया जाएगा, जो पिछड़े वर्ग की महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा।
संसद में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश किया था, जिसके बाद 454 सदस्यों ने इस बिल के पक्ष में तो वहीं दो इसके विरोध में मतदान किया, जिसके बाद नीचले सदन के अध्यक्ष ओम बिरला ने बिल को पारित करने की घोषणा की। राज्यसभा ने इससे पहले साल 2010 में यूपीएम सरकार के दौरान महिला आरक्षण बिल पारित किया था, लेकिन इसे लोक सभा में नहीं लाया गया था और फिर बाद में यह नीचले सदन में ही रद्द हो गया।
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