महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में कोरोना ज्यादा खतरनाक
कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के प्रो. हाइबो झांग ने कहा, महिलाओं की तुलना में कोरोना की गंभीरता और मृत्यु दर पुरुषों में बहुत अधिक है। अभी तक इसके कारणों को ठीक से समझा नहीं गया है। इस अध्ययन में हमें पता चला है कि एसीई-2 प्रोटीन को एन्कोड करने वाला जीन एक्स गुणसूत्र पर स्थित होता है।
नई दिल्ली, (आरएनआई) महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों पर कोरोना वायरस का गंभीर असर होता है। इसकी वजह एसीई-2 प्रोटीन है, जो कोशिका की बाहरी सतह पर स्थित होता है। यह रक्तचाप और सूजन को नियंत्रित करने के साथ-साथ अंगों में अतिरिक्त सूजन से होने वाले नुकसान से बचाता है।
कोरोना से संक्रमित होने के बाद वायरस रोगी की प्रोटीन कोशिकाओं में पहुंच कर एसीई-2 को प्रभावित कर देता है। इस अध्ययन के परिणामों को शोधकर्ता नई नीति के लिए बेहतर मान रहे हैं। आईसाइंस मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्री-क्लिनिकल शोध किया है।
कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के प्रो. हाइबो झांग ने कहा, महिलाओं की तुलना में कोरोना की गंभीरता और मृत्यु दर पुरुषों में बहुत अधिक है। अभी तक इसके कारणों को ठीक से समझा नहीं गया है।
अध्ययन में हमें पता चला है कि एसीई-2 प्रोटीन को एन्कोड करने वाला जीन एक्स गुणसूत्र पर स्थित होता है। इसका अर्थ है कि महिलाओं में जीन की दो प्रतियां होती हैं, जबकि पुरुषों में केवल एक होती है।
एसीई-2 के लिए जीन की अतिरिक्त प्रतिलिपि स्वस्थ लोगों में कोई फर्क नहीं डालती है क्योंकि शोधकर्ताओं ने स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं में एसीई-2 प्रोटीन का स्तर एक समान पाया है, लेकिन कोरोना से संक्रमित होने के बाद पुरुषों में एसीई-2 में कमी देखी गई जबकि महिलाओं में ऐसा कोई बदलाव नजर नहीं आया। अध्ययन से यह पता लगाया कि क्या एसीई-2 का निम्न स्तर कोरोना संक्रमित पुरुषों में अधिक गंभीर परिणामों के लिए जिम्मेदार था।
शोधकर्ताओं ने लैब-निर्मित एसीई-2 प्रोटीन को सीधे फेफड़ों में पहुंचाने के लिए इनहेलर का उपयोग किया। इसके बाद पता चला कि कोरोना संक्रमित पुरुषों को रोजाना एसीई-2 इनहेल कराने से उनके फेफड़ों में वायरस कम मिला और फेफड़ों पर चोट भी आंशिक पाई गई। शोधकर्ताओं ने कहा, आम गलतफहमी है कि एसीई-2 रिसेप्टर्स की बढ़ती उपस्थिति के परिणामस्वरूप उच्च संक्रमण दर होगी।
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