"महायुति विश्वासघाती गठबंधन, किसानों को नजरअंदाज किया गया", कांग्रेस ने महाराष्ट्र सरकार को घेरा
जयराम रमेश ने बताया कि मराठवाड़ा में 600 से अधिक गांव और 178 बस्तियां पीने के पानी की भारी कमी के कारण पानी के टैंकरों पर निर्भर थे। पिछले वर्ष के 40% की तुलना में जलाशयों में केवल 19% पीने का पानी बचा था।
मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महायुति गठबंधन को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महायुति को विश्वासघाती गठबंधन बताया। कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के लोग उनके असफल वादों के लिए उन्हें माफ नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में किसानों को सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया गया। उनसे किए गए बड़े-बड़े वादों का कोई नतीजा नहीं निकला। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा के हर गांव में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने के लिए जल ग्रिड बनाने का वादा भी पूरा नहीं हुआ।
सोशल मीडिया पिलेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए जयराम रमेश ने महायुति सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव पर महायुति को लेकर जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महायुति को विश्वासघाती गठबंधन बताया। उन्होंने कहा, "महायुति एक ऐसी सरकार है जो विश्वासघात पर बनी हुई है। यह भरोसे के साथ विश्वासघात, विचारधारा के साथ विश्वासघात और स्वयं महाराष्ट्र के लोगों के साथ विश्वासघात पर बनी है। किसान इनके राज में सबसे ज्यादा उपेक्षित रहे हैं। सरकार ने उन्हें सिर्फ बड़े-बड़े वादे दिए हैं, हासिल कुछ भी नहीं हुआ है। वर्ष 2019 में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मराठवाड़ा से एक जल ग्रिड बनाने के लिए 20,000 से 25,000 करोड़ के पैकेज का वादा किया था। कहा गया था कि इससे हर गांव में पाइप से पीने का पानी पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, "इस साल गर्मियों में इस वादे के पांच साल पूरे हो गए और यह मराठवाड़ा में सबसे अधिक पानी की कमी वाले वर्षों में से एक था। मराठवाड़ा में 600 से अधिक गांव और 178 बस्तियां पीने के पानी की भारी कमी के कारण पानी के टैंकरों पर निर्भर थे। पिछले वर्ष के 40% की तुलना में जलाशयों में केवल 19% पीने का पानी बचा था। मराठवाड़ा की जीवन रेखा गोदावरी नदी का भी गला घोंट दिया गया है। कथित तौर पर 2022 में इसकी सफाई के लिए 88 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे लेकिन पानी की गुणवत्ता में कोई सार्थक सुधार नहीं हुआ। जिन लोगों ने जलयुक्त शिवार का वादा किया था, उन्होंने केवल जलमुक्त शिवार ही दिया है। महाराष्ट्र उन्हें माफ नहीं करेगा।
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे, जबकि विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की एनसीपी से मिलकर बनी महायुति सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जबकि शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस की विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) इसे सत्ता से बेदखल करने के प्रयास में है।
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