महाकुंभ में संगम घाट पर मची भगदड़, कुछ श्रद्धालुओं के हताहत होने की खबर
बुधवार मौनी अमावस्या के मौके पर संगम तट पर भगदड़ मच गई। हादसे में कई श्रद्धालुओं की मौत हो जाने की बात सामने आ रही है। बचाव कार्य के लिए एंबुलेंस की 40 से अधिक गाड़ियां मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही हैं। सुबह साढ़े सात बजे तक 31 कॉल्विन अस्पताल स्थित मर्चरी में 31 लाशें पहुंचाई जा चुकी थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
प्रयागराज (आरएनआई) मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम नोज घाट पर भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। सुबह साढ़े सात बजे तक 31 कॉल्विन अस्पताल स्थित मर्चरी में 31 लाशें पहुंचाई जा चुकी थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 200 से अधिक श्रद्धालुओं का उपचार चल रहा है। 40 से अधिक एंबुलेंस के माध्यम से घायलों और मृतकों को केंद्रीय अस्पताल लाया गया।
महाकुंभ में मंगलवार को मौनी अमावस्या पर बड़ा हादसा हो गया। संगम नोज के पास देर रात भगदड़ मच गई और इसमें 17 स्नानार्थियों की मौत हो गई। दो दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए। उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मृतकों में सात की पहचान हुई है जो यूपी के साथ बिहार, झारखंड, कोलकाता के रहने वाले हैं। सूत्रों की माने तो मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय कॉल्विन के मोर्चरी पर 31 शव पीएम के लिए लाए गए हैं।
फिलहाल सुबह नौ बजे खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया जा सका था। घटना रात एक से दो बजे के बीच हुई। मर्चरी पहुंचे मृतकों के परिजनों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए संगम नोज की ओर बढ़ रहे थे। वह पोल नंबर 11 से 17 के बीच चल रहे थे तभी अचानक बहुत तेज गति में पीछे से भीड़ का रेला आया।
कुछ लोग संभल नहीं सके और नीचे गिर पड़े तो भीड़ उन्हें रौंदते हुए निकल गई। अपनों को बचाने में कई और लोग भगदड़ की चपेट में आ गए। पुलिसकर्मी जब तक स्थिति नियंत्रित कर पाते तब तक दर्जनों लोग अचेत हो चुके थे जबकि कुछ ऐसे भी लोग थे जो होश में तो थे लेकिन वह कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे।
सूचना पर एंबुलेंस पहुंचने लगीं और फिर एक-एक कर हताहतों को मेले के केंद्रीय चिकित्सालय ले जाया गया। यहां 17 लोगों को डाॅक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद उनके शव मेडिकल कॉलेज स्थित मर्चरी में रखवा दिए गए। इनमें 12 महिलाएं व पांच पुरुष शामिल हैं। उधर घायलों को मेला क्षेत्र स्थित चिकित्सालयों के अलावा एसआरएन अस्पताल में भी भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। खबर लिखे जाने तक मेला प्रशासन या पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया।
उधर घटना के बाद अखाड़ाें ने भीड़ के दबाव को देखते हुए अमृत स्नान के समय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। उन्होंने मेला प्रशासन से कहा कि देश भर से आए श्रद्धालु पहले स्नान करेंगे। इसके बाद वह स्नान के लिए जाएंगे।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संगम न आने की अपील की है। सीएम योगी ने कहा कि मां गंगा के जो जिस घाट के समीप है, वहीं स्नान करें। संगम नोज जाने का प्रयास न करें। स्नान के लिए कई घाट बनाए गए हैं। किसी भी घाट पर स्नान किया जा सकता है। योगी ने कहा कि प्रशासन के निर्देश का पालन करें और व्यवस्था बनाने में सहयोग दें। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से फोन पर चार बार बात की और घटना की जानकारी लेने के साथ हताहतों की मदद के संंबंध में दिशा-निर्देश दिए। गृहमंत्री अमित शाह, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी सीएम से बात की। इसके साथ ही सीएम ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर हाईलेवल मीटिंग भी बुलाई। इसमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी के साथ ही एडीजी कानून व्यवस्था शामिल रहे।
1- मनित्रा देवी(50) पत्नी फूलचंद्र विश्वकर्मा निवासी सरायममरेज प्रयागराज
2- बासुंती पोद्दार(61) पत्नी रविंद्रनाथ पोद्दार निवासी टॉलीगंज, कोलकाता
3- राजरानी देवी(60) पत्नी जगरूप यादव निवासी सोसुना, थाना गोह, जनपद औरंगाबाद बिहार
4- गुलाबी देवी(73) पत्नी बिहारी यादव निवासी रामविशनपुर, देहपुरी, सुपौल बिहार
5- शिवराज गुप्ता(64) निवासी झारखंड
6- रामअवध शर्मा(65) निवासी अज्ञात
7- गुलइचा देवी(60) निवासी अज्ञात
घायल
विमला देवी(65) पत्नी प्रेम कुमार निवासी परसपुर, जनपद गोंडा
शीला सोनी (66) निवासी छतरपुर, मप्र
गुड़िया पांडेय निवासी औरैया
गुड़िया का बेटा
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