महाकुंभ भगदड़ मामले में 30 की मौत, 60 लोग हुए घायल; 25 की हुई पहचान
महाकुंभ मेले में भगदड़ के बाद अखाड़े अमृत स्नान कर रहे हैं। अभी स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस भीड़ को व्यवस्थित करने की हर संभव कोशिश कर रही है। आम लोगों के लिए भी स्नान की कई घाटों पर व्यवस्था की गई है। प्रशासन का अनुरोध है कि आप जहां पर भी हैं वहीं स्नान का लाभ ले लीजिए। संगम नोज की तरफ न जाएं।
प्रयागराज (आरएनआई) महाकुंभ मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई है। 90 लोगों को अस्पताल लगाया गया। जिसमें से 30 लोगों ने दम तोड़ दिया, इनमें से 25 लोगों की शिनाख्त हो गई है। जिसमें कर्नाटक के चार, गुजरात के एक श्रद्धालु की मौत हुई है। 60 लोग घायल हैं। बैरिकेड्स टूटने की वजह से भगदड़ हुई।
महाकुंभ भगदड़ मामले में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि भगदड़ के चलते लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मृतकों के प्रति मैं अपनी और अपनी पार्टी की तरफ से श्रद्धांजलि प्रकट करता हूं। जो भी लोग इस हादसे में घायल हुए हैं। उनके भी जल्द स्वस्थ होने की कमना करता हूं। ये घटना दुखद है। किस कारण से इतनी बड़ी घटना घटी है। उस पर पीएम मोदी लगातार निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भी लगातार संपर्क में हैं। भविष्य में ये घटना न घटे इस बात को हमारी सरकार सुनिश्चित कर रही है। ये घटना कैसे घटी इसकी जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने कहा, 'मौनी अमावस्या पर स्नान करने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु रेलवे परिसर की ओर आ रहे हैं। अब धीरे-धीरे भीड़ रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ रही है। दोपहर तक लगभग 50 उत्तर मध्य रेलवे, 13 उत्तर रेलवे और 20 पूर्वोत्तर रेलवे के माध्यम से कुल 80 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गईं। रेलवे प्रशासन ने आज 190 विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, हम उत्तर प्रदेश की दयालु जनता व स्वयंसेवी संस्थाओं से आग्रह करते हैं कि वो अपने गांव-बस्ती-शहर में जाम में फंसे श्रद्धालुओं के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करें। सरकार को इस तरह के बड़े प्रबंधन के लिए स्वयं तैयार रहना चाहिए था, लेकिन न तो सरकार अब ऐसा कर सकती है और न ही उनकी तरफ से ऐसा करने की कोई संभावना दिख रही है। ऐसे गंभीर हालातों में श्रद्धालुओं की सेवा करना भी महाकुंभ के पुण्य से कम नहीं है। हम सबको अपनी-अपनी सामर्थ्य और क्षमता के अनुरूप आगे आकर जन-सेवा के इस महायज्ञ में शांतिपूर्वक अनाम सहयोग करना चाहिए।
मौनी अमावस्या पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, 'हम अमृत स्नान के लिए जा रहे हैं। हजारों संत और नागा संन्यासी साथ हैं। हम जल्द ही घाटों को खाली कर देंगे ताकि श्रद्धालु पवित्र स्नान कर सकें।
उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के मुताबिक, अब तक 5.71 करोड़ से अधिक लोगों ने त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाई है, 28 जनवरी तक कुल मिलाकर 19.94 करोड़ से अधिक लोगों ने डुबकी लगाई है।
महाकुंभ नगर के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा 'जूना अखाड़ा और दो अन्य अखाड़े अभी अमृत स्नान के लिए जा रहे हैं। सब कुछ शांतिपूर्ण है, स्थिति नियंत्रण में है। क्योंकि बहुत सारे श्रद्धालु थे, इसलिए अखाड़ों ने हमारे सामने प्रस्ताव रखा कि वे अपने अमृत स्नान देरी से करेंगे।' उन्होंने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि 'यह अखाड़ों की ओर से प्रशासन को बहुत बड़ा समर्थन था। भगदड़ में घायलों का इलाज चल रहा है, कोई भी गंभीर नहीं है, सभी खतरे से बाहर हैं।'
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