महबूबा मुफ्ती अनंतनाग से लड़ेंगी चुनाव
आगामी लोकसभा चुनाव में अनंतनाग-राजोरी सीट से महबूबा मुफ्ती चुनाव लड़ेंगी। पीडीपी ने रविवार को इसकी घोषणा की।
जम्मू कश्मीर (आरएनआई) जम्मू कश्मीर पांच लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से सबसे हॉट अनंतनाग-राजोरी सीट को माना जा रहा है। इस सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प होने जा रहा है। रविवार को पीडीपी ने एलान किया कि पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इस सीट से चुनाव लड़ेंगीं।इसके साथ ही पीडीपी ने श्रीनगर सीट से वहीद उर रहमान पर्रा और बारामुला सीट से फैयाज अहमद मीर को मैदान में उतारा है।
यह घोषणा रविवार को आरतज मदनी ने श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में की। इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने मीडिया को संबोधित किया। महबूबा ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी पिछले कुछ वर्षों में हमलों की एक श्रृंखला का शिकार हुई है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने तय किया था कि वे लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उनसे बिना पूछे तीनों सीटों पर उम्मीदवार उतारे। उमर अब्दुल्ला ने उनकी पार्टी के लिए नकारात्मक टिप्पणियां की, जिससे उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को काफी ठेस पहुंची है। नेकां के तीनों सीटों पर लड़ने के फैसले के सार्वजनिक होने के बाद ही पीडीपी ने अपने दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
उम्मीदवारी की घोषणा से कुछ दिन पहले महबूबा ने फयाज अहमद मीर का पार्टी में वापस आने का स्वागत किया। करीब 10 दिन बाद ही उन्हें उत्तरी कश्मीर की बारामुला सीट से उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है।
अनंतनागर-राजोरी सीट से डीपीएपी प्रमुख गुलाम नबी आजाद भी चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। 2014 में उधमपुर संसदीय सीट पर भाजपा नेता डॉ. जितेंद्र सिंह के हाथों पराजित होने के बाद गुलाम नबी आजाद का यह पहला लोकसभा चुनाव होगा।
जम्मू कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी की पार्टी ने जफर इकबाल मन्हास को अनंतनाग-राजोरी सीट से उम्मीदवार बनाया है। साथ ही उन्होंने अशरफ मीर को श्रीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया है।
19 अप्रैल से शुरू होने वाले सात चरण के लोकसभा चुनावों के लिए अभी तक केवल तीन पार्टियों ने अनंतनाग-राजोरी सीट से अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। अभी भाजपा के पत्ते खुलने बाकी हैं।
मई 2022 में परिसीमन के बाद अनंतनाग सीट में जम्मू संभाग के पीर पंजाल के राजोरी के क्षेत्रों को जोड़ा गया है। जोड़ा गया इलाका हिंदू और पहाड़ी समुदाय की आबादी वाला है। कभी मुस्लिम बहुल इस सीट पर कांग्रेस हैट्रिक लगा चुकी है। नेकां व पीडीपी भी यहां से कई बार जीत का स्वाद चख चुकी है। भाजपा इस सीट से कश्मीर में विजय का परचम लहराने के लिए मैदान में उतरेगी। भाजपा ने पहाड़ियों को जनजातीय का दर्जा और आरक्षण देकर यहां पर अपना दांव खेला है।
अनंतनाग सीट की बात करें तो यह हाई प्रोफाइल सीट रही है। यहां से महबूबा मुफ्ती 2014 में सांसद बनीं लेकिन 4 जुलाई 2016 को उनके इस्तीफे से यह सीट खाली हो गई। इस्तीफे के करीब तीन साल तक यहां उपचुनाव नहीं हो पाया।
इस सीट पर चरमपंथ का प्रभाव होने का तर्क देकर चुनाव आयोग ने चुनाव नहीं करवाए। अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा ने अनंतनाग विधानसभा सीट से चुनाव जीता। बाद में 2019 में इस सीट पर चुनाव हुआ और नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी ने जीत हासिल की। उन्होंने 40180 वोट हासिल किए थे उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर ने 33504 वोट हासिल किए। पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती तीसरे नंबर पर रहीं। 2019 में इस सीट पर कुल 9 प्रतिशत ही मतदान हुआ था।
आंकड़ों पर नजर डालें तो परिसीमन के बाद बनी अनंतनाग-राजोरी सीट में कुल 18 विधानसभा हलके आए हैं। अनंतनाग में सात, कुलगाम में तीन, पुंछ में तीन, शोपियां के एक और राजोरी में चार विस हलके हैं। इसके साथ ही अनंतनाग में मतदाताओं की संख्या 666390, कुलगाम में 323813, पुंछ में 347630, शोपियां में 106864 जबकि राजोरी में 388874 है।
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z
What's Your Reaction?