मशहूर कवि-चित्रकार इमरोज का निधन
कलाकार-कवि इमरोज इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं। शुक्रवार को अपने मुंबई स्थित आवास पर इमरोज ने अंतिम सांस ली। वे 97 वर्ष के थे और उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे। इमरोज का मूल नाम इंद्रजीत सिंह था। इमरोज अमृता प्रीतम के साथ अपने रिश्ते के बाद काफी लोकप्रिय हो गए थे। हालांकि, दोनों ने कभी शादी नहीं की, लेकिन 40 साल तक एक-दूसरे के साथ ही रहते थे। आइए जानते हैं कवि की जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से।
नई दिल्ली (आरएनआई) इमरोज मशहूर लेखिका अमृता प्रीतम के साथ अपने रिश्ते को लेकर काफी चर्चा में रहे। वे अमृता प्रीतम के लंबे समय तक साथी रहे। गीतकार-कलाकार के निधन के बाद दोस्तों और रिश्तेदारों का कहना है कि 2005 में अमृता के निधन के बाद भी वे उनकी यादों में जीवित रहीं। बता दें कि इमरोज के निधन की पुष्टि उनकी करीबी दोस्त अमिया कुंवर ने की। उन्होंने कहा, "इमरोज कुछ दिनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह एक पाइप के माध्यम से खाना खा रहे थे, लेकिन वह अमृता को एक दिन के लिए भी नहीं भूल पाए। वे कहते थे 'अमृता है, यहीं है'। इमरोज ने भले ही आज भौतिक दुनिया छोड़ दी हो, लेकिन वह केवल अमृता के साथ स्वर्ग में गए हैं'।
इमरोज के निधन की खबर सुनते ही कनाडा के इकबाल महल ने भी शोक व्यक्त किया और बताया कि वे उन्हें 1978 से व्यक्तिगत रूप से जानते थे। उन्होंने यह भी कहा कि अमृता उन्हें 'जीत' कहा करती थीं। सोशल मीडिया पर भी सभी इमरोज को उनकी कविताओं के माध्यम से श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
अमुता प्रीतम के साथ न रहकर भी इमरोज उनके हमसाए रहे हैं। बता दें कि जब अमृता अपनी किताब का कवर डिजाइन करने के लिए किसी की तलाश कर रही थीं, तब उनकी मुलाकात इमरोज से हुई थी। अमृता की शादी लाहौर के कारोबारी प्रीतम सिंह से हुई थी और इमरोज इस बात को जानते थे, लेकिन फिर भी उनका मानना था कि प्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं है। अमृता भी कहती थीं, 'साहिर मेरी जिंदगी के लिए आसमान हैं और इमरोज मेरे घर की छत'।
कवि इमरोज ने अमृता प्रीतम के लिए कविताओं की एक पुस्तक संग्रह भी लिखी थी- ‘अमृता के लिए नज्म जारी है’। इस पुस्तक का प्रकाशन हिंद पॉकेट बुक्स ने वर्ष 2008 में किया था। इस पुस्तक में वे अमृता के लिए अपना प्यार जाहिर करते हुए लिखते हैं, 'कभी-कभी, खूबसूरत खयाल, खूबसूरत बदन भी बता दें कि कवि इमरोज ने अमृता प्रीतम के लिए कविताओं की एक पुस्तक संग्रह भी लिखी थी- ‘अमृता के लिए नज्म जारी है’। इस पुस्तक का प्रकाशन हिंद पॉकेट बुक्स ने वर्ष 2008 में किया था। इस पुस्तक में वे अमृता के लिए अपना प्यार जाहिर करते हुए लिखते हैं, 'कभी-कभी, खूबसूरत खयाल, खूबसूरत बदन भी।
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