ममता ने की मुख्य सचिव-स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक
सीएम ममता बनर्जी ने विभिन्न सरकारी मडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सुरक्षा बुनियादी ढांचों के बारे में पूछताछ की। इस बैठक के बाद मुख्य सचिव ने सभी सरकारी अस्पतालों के प्रिंसिपल और एएसवीपी की एक बैठक बुलाई।
कोलकाता (आरएनआई) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने कालीघाट आवास पर मुख्य सचिव मनोज पंत और राज्य सुरक्षा सचिव एनएस निगम के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचों को बेहतर करने पर चर्चा हुई। एक सूत्र ने इसकी जानकारी दी। यह बैठक 45 मिनट तक चली, जिसमें सीएम ममता बनर्जी ने विभिन्न सरकारी मडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सुरक्षा बुनियादी ढांचों के बारे में पूछताछ की। इस बैठक के बाद मुख्य सचिव ने सभी सरकारी अस्पतालों के प्रिंसिपल और एएसवीपी की एक बैठक बुलाई। यह बैठक नबन्ना में राज्य सचिवालय में आयोजित की जाएगी।
सीएम ने विभिन्न अस्पतालों में सुरक्षा के संबंध में बुनियादी ढांचों को विकसित करने के लिए किए जा रहे काम की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने राज्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव को कुछ निर्देश भी दिए।" बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना सामने आने के बाद से ही बवाल शुरू हुआ। जूनियर डॉक्टर मृतक के लिए न्याय की मांग करते हुए अनशन पर बैठे हैं। मृतक के लिए न्याय के अलावा उन्होंने राज्य स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को पद से हटाने की भी मांग की है।
उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली की शुरुआत, कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा और महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने और डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरने की भी मांग की। डॉक्टरों की भूख हड़ताल की शुरुआत पांच अक्तूबर को हुई, जो दो चरणों में लगभग 50 दिनों के 'काम बंद' के बाद शुरू हुई।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतक महिला डॉक्टर के मुंह और दोनों आंखों पर था। गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।
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