मप्र के विकासखंड सीईओ: मुख्यालय छोड़ निजी आवासों में, सरकारी नियमों की अनदेखी!
गुना (आरएनआई) मप्र सरकार के 55 जिलों में जिला कलेक्टर ओर जिला पंचायत के तहत क्या समस्त जिलों के विकासखंड में कार्यरत जनपद पंचायतों में मुख्यकार्य पालन अधिकारी(सीईओ) अपने मुख्यालय में स्थित निवास करते हैं या कार्यालयों से दूर निजी निवास में निवासरत हैं,जिसकी विभागीय परमिशन और प्रतिदिन आवागमन से शासकीय कार्य ओर समय खराब होता हैं। जो नियम विरुद्ध भी हैं।
सवाल इसलिए उठ रहा हैं कि सूत्रो ने बतलाया हैं कि अधिकांश जिलों के विकासखंड में जनपद कार्यालयों में पदस्थ मुख्यकार्यपालन अधिकारी सरकार से मोटी पगार और सुविधाएं लेते हैं कि वह ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को सातों दिनों में उनको सुविधाओं के तहत आकस्मिक सेवा दे सके। लेकिन सरकार की नीतियों और वरिष्ठ अधिकारियों की अफसरशाही और ताना शाही के तहत वर्तमान में पदस्थ सभी जिलों के विकासखंड में पदस्थ सीईओ अपने मुख्यालय में निवास नहीं करते हैं।
सूत्रो का कहना हैं कि प्रदेश के अधिकांश विकासखंड में पदस्थ सीईओ मुख्यालय पर नहीं रहते हैं। सूत्र ये भी बताते हैं अधिकांश जिलों के विकासखंड में बैकवर्ड स्थिति होने के चलते वहां सीईओ रहना नहीं चाहते हैं। ऐसा नहीं हैं कि जिला कलेक्टर ओर जिला सीईओ भी इस बात को जानते हैं पर अंकुश नहीं लगा पा रहें हैं, वही कुछ विकासखंड मुख्यालय पर सीईओ शासकीय निवास में भी नही रहना चाहते हैं,क्योंकि वह लक्जरी स्टाइल के क्वार्टर में रहना चाहते हैं।
आपको बता दे कि गुना जिला में पांच विकासखंड में पांच जनपद कार्यालय के सीईओ पदस्थ हैं,जिनके शासकीय आवास भी हे। लेकिन बमोरी,चाचौड़ा,ओर आरोन सीईओ अपने शासकीय आवास में नही रहते हैं ऐसा सूत्र बताते हैं। जानकार ये भी बताते हैं कि निजी आवास रेंट पर लेकर रहते हैं। जिनमें बमोरी और चाचौड़ा के सीईओ गुना में निजी निवास में रहते हैं। वही आरोन सीईओ आरोन के शासकीय क्वार्टर की जगह एक वर्तमान सरपंच पति के लक्जरी निवास में रहते हैं। गुना सीईओ स्थानीय क्वॉटर में हैं वही राधौगढ़ सीईओ अपने पति के साथ एक शासकीय उपक्रम के संस्थान के आवास में रहती हैं।
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