मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुकन्या मंडल को जमानत; मवेशी तस्करी रैकेट से जुड़े मामले में राहत
सुकन्या ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह एक महिला हैं और कथित मवेशी तस्करी रैकेट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि ईडी को अब उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है, क्योंकि जांच पूरी हो चुकी है और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
नई दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुकन्या मंडल को जमानत दे दी। उन्हें पश्चिम बंगाल में मवेशी तस्करी रैकेट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने कहा कि मुकदमे के पूरा होने में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में उन्हें हमेशा जेल में ही नहीं रख सकते। सुकन्या तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल की बेटी हैं, जो इसी मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। सुकन्या 26 अप्रैल 2023 से हिरासत में हैं। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि वह एक महिला हैं और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के तहत जमानत की हकदार हैं।
कोर्ट ने सुकन्या को 10 लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की जमानत देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश न छोड़ें और गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश न करें। हाईकोर्ट ने कहा कि आवेदक एक शिक्षित महिला हो सकती है, जिसका अपना व्यवसाय और वाणिज्यिक उद्यम हो, लेकिन यह अनदेखा नहीं किया जा सकता कि उसके खिलाफ आरोप अनिवार्य रूप से उसके पिता से जुड़े हैं और उसने अपने व्यावसायिक कामों में पिता के धन का उपयोग किया हो। पीएमएलए की धारा 45 (1) के प्रावधान के अनुसार, कोई व्यक्ति जो 16 वर्ष से कम आयु का है या महिला है या बीमार है (या जिस पर या तो अकेले या अन्य सह-आरोपियों के साथ 1 करोड़ रुपये से कम की राशि के धन-शोधन का आरोप है) उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है।
सुकन्या ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह एक महिला हैं और कथित मवेशी तस्करी रैकेट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है। सुकन्या के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि वह 31 वर्षीय अविवाहित महिला हैं और उनका इतिहास साफ-सुथरा है। उन्होंने तर्क दिया कि ईडी को अब उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है, क्योंकि जांच पूरी हो चुकी है और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिले के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को पिछले साल 11 अगस्त को इसी मामले के सिलसिले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। जुलाई में सीबीआई मामले में उन्हें शीर्ष अदालत ने जमानत दे दी थी। ईडी ने उन्हें आसनसोल जेल में पूछताछ के बाद कथित करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले में 17 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था।
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