मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने 13 मामलों पर संज्ञान लिया, संबंधितों से मांगा जवाब
भोपाल। मप्र मानवाधिकार आयोग ने 13 मामलों में संज्ञान लेते हुए संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी और सदस्य राजीव कुमार टंडन ने इन मामलों पर संज्ञान लिया। ये सभी मामले प्रदेश के अलग अलग जिलों के हैं जिनमें कुछ घटनाएं हत्या, आत्महत्या से जुड़ी है और कुछ अलग तरह के केस भी हैं।
जिन 13 मामलों पर संज्ञान लिया गया है उनमें भोपाल में पुलिस और जेल के डर से युवक द्वारा लगाई गई फांसी की घटना शामिल है। राजेश नाम के युवक के खिलाफ उसकी पत्नी ने थाने में शिकायत की थी और इसी घटनाक्रम में उसने घर पर फांसी लगा ली थी। वहीं दूसरा मामला भी भोपाल का ही है। कोलार क्षेत्र में एक नवविवाहिता की ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस इसे खुदकुशी मान चुकी है जबकि मायके पक्ष का आरोप है कि उनकी बेटी के गले में रस्सी का निशान मिला था। मानव अधिकार आयोग ने मामले में पुलिस कमिश्नर, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है। तीसरे मामला भोपाल शहर की आदमपुर छावनी लैडफिल साइट में जिन कचरे के पहाड़ों में आग धधक रही हैं, उन्हें नगर निगम भोपाल करो़ड़ों रूपये खर्च करने के बाद नगर निगम भोपाल कागजों में हटवा भी चुका है, से जुड़ा है।
इसी के साथ सागर जिले में एक व्यक्ति के शव मिलने और उसकी हत्या से जुड़ा मामला है। छिन्दवाड़ा जिले की सिंगोड़ी पुलिस चौकी के ग्राम जोपनाला में एक लड़की की हत्या के आरोप में उसका भाई जेल में और उसी का पिता जमानत पर है। लेकिन वो लड़की बीते मंगलवार को एकाएक घर लौट आई। इस अजीबोगरीब मामले पर भी आयोग ने संज्ञान लिया है। इसी के साथ रतलाम, धार, विदिशा, बैतूल, उमरिया, ग्वालियर की अलग अलग घटनाओं पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए संबंधितों से दिए गए समय में जवाब मांगा है।
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