मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस आज, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं, जानिए MP को क्यों कहा जाता है देश का ‘हृदय प्रदेश’, क्यों हैं खास
भोपाल (आरएनआई) आज 1 नवंबर 2024 को मध्य प्रदेश अपना 69वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने बधाई दी है और प्रदेश के विकास की कामना की है। वहीं, सीएम डॉ मोहन यादव ने भी मंगलकामनाएं देते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश की स्वर्णिम यात्रा में सरकार, हर वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित है। मध्य प्रदेश प्राकृतिक संपदा से समृद्ध राज्य है और अब कई मामलों में ये देश ही नहीं, विदेशों में भी अपनी पहचान बना रहा है।
मध्य प्रदेश अपनी सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के कारण विशेष स्थान रखता है। इसे “भारत का हृदय” कहा जाता है क्योंकि यह देश के भौगोलिक केंद्र में स्थित है। यहाँ खजुराहो के मंदिर, साँची के बौद्ध स्तूप और भीमबेटका की गुफाएँ जैसे विश्व धरोहर स्थल मौजूद हैं। यह राज्य कई राष्ट्रीय उद्यानों, आदिवासी परंपराओं, और तानसेन संगीत समारोह और खजुराहो नृत्य महोत्सव जैसे प्रमुख सांस्कृतिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस आज
मध्य प्रदेश 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के बाद भोपाल, विंध्य प्रदेश, मध्य भारत, सेंट्रल प्रोविंस और बरार को मिलाकर मध्य प्रदेश बना। इसकी राजधानी को लेकर इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के बीच खींचतान भी हुई, लेकिन सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता के कारण भोपाल को राजधानी घोषित किया गया। भौगोलिक रूप से भारत के केंद्र में स्थित होने के कारण इसे “देश का दिल” और “ह्रदय प्रदेश” भी कहा जाता है।
पीएम मोदी और सीएम मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश स्थापना दिवस की बधाई देते हुए एक्स पर लिखा है ‘मध्य प्रदेश के सभी निवासियों को राज्य के स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। प्राकृतिक संपदा और सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध यह प्रदेश हर क्षेत्र में विकास के नित-नए मानदंड गढ़ता रहे, यही कामना है।’ वहीं, सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘जनकल्याण के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर मध्यप्रदेश” मध्यप्रदेश की स्वर्णिम यात्रा में सरकार, हर वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित है। गरीब के चेहरे पर मुस्कान, किसान की खुशहाली, नारी का सम्मान और युवाओं का उज्ज्वल भविष्य, यही हमारे प्रयासों का मूल उद्देश्य है। जनकल्याण की दिशा में हमारे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की सभी को बधाई एवं मंगल शुभकामनाएं।’
मध्य प्रदेश के बारे में खास बातें
आज मध्य प्रदेश की स्थापना दिवस पर आपके लिए यहां से जुड़े कुछ ऐसी बातें और तथ्य लेकर आए हैं, जो इसकी अनूठी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विशेषताओं को उजागर करते हैं।
1. भारत का हृदय : मध्य प्रदेश को अक्सर “भारत का हृदय” कहा जाता है, क्योंकि यह भौगोलिक दृष्टि से देश के केंद्र में स्थित है। यहां कटनी जिले में करौंदी गांव कर्क रेखा पर स्थित है। विश्व के 18 देशों और भारत के आठ राज्यों से गुजरने वाली कर्क रेखा इस गांव से गुजरती है। विंध्याचल पर्वत श्र्खला की पहाड़ियों के ढलान में बसे इस गांव को इसी खासियत की वजह से देश का दिल (Heart of Country) भी कहते हैं।
2. प्राकृतिक धरोहर : मध्य प्रदेश में भारत के सबसे बड़े वन क्षेत्र हैं, जो यहाँ की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करते हैं। इस राज्य में 9 प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं, जिनमें कान्हा, बांधवगढ़, और पेंच जैसी जगत प्रसिद्ध अभ्यारण्य शामिल हैं।
3. सांची स्तूप और भीमबेटका : सांची का स्तूप जो सम्राट अशोक के समय में निर्मित हुआ था, और भीमबेटका की प्राचीन गुफाएँ, जहाँ हजारों साल पुराने शैलचित्र हैं, दोनों यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। भीमबेटका की गुफाएँ भारत की सबसे पुरानी कला रूपों का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं
4. खजुराहो के मंदिर : खजुराहो के मंदिर अपनी बारीक नक्काशी और मूर्तिकला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। ये मंदिर मध्ययुगीन भारतीय स्थापत्य कला के अद्वितीय उदाहरण हैं और यहाँ की मूर्तियाँ मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं।
5. हीरे और खनिजों का खजाना : मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा हीरा उत्पादक राज्य है। यहाँ पन्ना जिले में स्थित खदानें विश्व प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा यह राज्य कोयला, कॉपर और बॉक्साइट जैसे खनिज संसाधनों से भी समृद्ध है।
6. सांस्कृतिक विविधता : यहां निमाड़, मालवा, बुंदेलखंड, बघेलखंड और ग्वालियर (चंबल) जैसे सांस्कृतिक क्षेत्र हैं, जो लोक कला, संगीत और नृत्य की विविधता का प्रतीक हैं। यहाँ कई जातीय जनजातियाँ जैसे गोंड, भील और कोरकू रहती हैं, जो अपनी अनूठी परंपराओं और उत्सवों के लिए प्रसिद्ध हैं।
7. नर्मदा नदी : नर्मदा नदी भारत की पवित्र और जीवनदायिनी नदियों में से एक है, जो अमरकंटक से निकलकर पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में मिलती है। इसे “रेवा” भी कहा जाता है और यह विंध्य और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बहते हुए अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों से होकर गुजरती है।
8. जल महोत्सव : नर्मदा नदी पर इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में हनुवंतिया टापू स्थित है। यहाँ हर साल भारत का एकमात्र जल महोत्सव आयोजित किया जाता है, जो साहसिक खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अद्भुत संगम है।
9. श्रीकृष्ण से संबंध : उज्जैन में सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण, बलराम और सुदामा ने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। यह पौराणिक स्थान हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है और ऐतिहासिक दृष्टि से भी इसे विशेष माना जाता है।
10. उज्जैन महाकाल मंदिर : उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख तीर्थ है, जहाँ महाकाल रूप में भगवान शिव स्वयंभू माने जाते हैं। यह मंदिर अपनी भव्य भस्मारती और आध्यात्मिक महत्ता के कारण श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित करता है।
What's Your Reaction?