मथुरा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया योगाभ्यास
योग शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देता: राजनाथ सिंह
मथुरा (आरएनआई) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को कहा कि योग, सैनिकों की आक्रामक क्षमता को सही दिशा देता है जिससे वे अनावश्यक आक्रामकता से बचते हैं, लेकिन जब भी जरूरत होती है तो देश की रक्षा के लिए आक्रामक रुख अख्तियार कर लेते हैं। सिंह ने आज अंतररष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तर प्रदेश के मथुरा में सेना की 01 कोर में सैनिकों के साथ विभिन्न आसन और श्वास अभ्यास करके 10वें अंतररष्ट्रीय योग दिवस को मनाने में सशस्त्र बलों का नेतृत्व किया। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और जनरल ऑफिसर कमांडिंग, 01 कोर लेफ्टिनेंट जनरल संजय मित्रा के साथ वरिष्ठ अधिकारियों, अग्निवीरों, परिवारों और बच्चों सहित 600 लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
रक्षा मंत्री ने इस दिन को राष्ट्र के लिए गर्व की बात बताया क्योंकि दुनिया भारत की इस महान सांस्कृतिक विरासत को उत्साह के साथ स्वीकार कर रही है। इस वर्ष के योग दिवस की विषय वस्तु ‘‘अपने और समाज के लिए योग'' पर सिंह ने कहा कि‘योग'और‘ध्यान'प्राचीन भारतीय पद्धतियां हैं जो व्यक्ति को स्वयं, परिवार और समाज से जोड़ती हैं। उन्होंने कहा ,‘‘ योग और ध्यान हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं जो हमेशा से‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया'की भावना पर चला है। हम सबके सुख और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं, हम विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। यही हमारी सभ्यता की विशेषता है। हम सभ्यताओं के टकराव के बजाय सहयोग में विश्वास करते हैं।
सदियों पुरानी इस प्रथा के लाभों पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि योग शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि यह आक्रामक क्षमताओं का सदुपयोग करने में सहायता करता है जो देश की सुरक्षा करने वाले सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हर भारतीय सैनिक एक तरह से योगी है। हमारे सैनिकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का प्रमाण दुनिया कई बार देख चुकी है। न केवल सीमाओं पर, बल्कि राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान हमारे सैनिकों की सेवा उनके मजबूत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का सबूत है। जिस तरह से वे प्रतिकूल परिस्थितियों में अनावश्यक आक्रामकता से बचते हैं और जब भी जरूरत होती है, देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए आक्रामक रूप से खड़े होते हैं, वह योगी की उनकी पहचान को पुष्ट करता है। उन्होंने सैनिकों का आह्वान किया कि वे प्रतिदिन योग का अभ्यास जारी रखें क्योंकि यह आध्यात्मिक चेतना प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो शरीर और मन को एक करता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आराम प्रदान करने वाले विभिन्न संसाधनों की उपलब्धता के बावजूद लोग नाखुश हैं, तनाव के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दबावों से भी पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि आज लोग अकेलेपन से पीड़ित हैं क्योंकि वे अपने परिवारों से अलग हो गए हैं। अदालतों में कई पारिवारिक विवाद के मामले लंबित हैं। सोशल मीडिया युवाओं में मनोवैज्ञानिक दबाव और आत्म-संदेह पैदा कर रहा है, जिससे चिंता और अवसाद हो रहा है। नवीनतम सुविधाएं आवश्यक हैं क्योंकि वे आर्थिक विकास का हिस्सा हैं, लेकिन वे शारीरिक गतिविधियों को सीमित कर रहे हैं और मधुमेह, रक्तचाप तथा मोटापे जैसी समस्याओं को बढ़ा रही हैं। योग से इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। श्री सिंह ने देश की जरूरत पर वीरता और समर्पण दिखाने के लिए , 01 कोर के सैनिकों की सराहना की। उन्होंने 1965 का ‘ऑपरेशन रिडल', 1971 का ऑपरेशन ‘कैक्टस लिली', 1987 का ‘ऑपरेशन पवन' और 1988 का ‘ऑपरेशन कैक्टस' सहित कई अभियानों में कोर द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया।
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत को एक ऐसे देश के रूप में जाना जाता है जो कभी भी किसी अन्य राष्ट्र पर हमला नहीं करता है और विस्तारवादी साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर किसी भी तरह से राष्ट्र की संप्रभुता को खतरा होता है तो भारत कड़ा जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। इस अवसर पर, जीओसी, 01 कोर ने श्री सिंह को‘योद्धा स्मृति चिह्न' प्रस्तुत किया, यह चिह्न सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान का प्रतीक है तथा सभी को बहादुरी का जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। रक्षा मंत्री ने 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर परिसर में एक पौधा भी लगाया। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप के सबसे दक्षिणी छोर धनुषकोडी में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा आयोजित विशेष योग सत्र में भाग लिया। इस कार्यक्रम में मंडपम के तटरक्षक स्टेशन के कर्मियों ने भाग लिया।
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