मथुरा में पेड़ों की अवैध कटाई : हरित अधिकरण ने जांच के लिए समिति गठित की

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने उत्तर प्रदेश में मथुरा के ‘ताज ट्रैपेजियम जोन’ (टीटीजेड) में पेड़ों की अवैध कटाई के आरोपों की जांच के लिए सोमवार को पांच सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया।

Sep 30, 2024 - 13:30
 0  351
मथुरा में पेड़ों की अवैध कटाई : हरित अधिकरण ने जांच के लिए समिति गठित की

मथुरा (आरएनआई) मथुरा के छटीकरा वृंदावन रोड पर स्थित डालमिया फॉर्म हाउस में बिल्डर लॉबी द्वारा पेड़ काटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब सोमवार को NGT में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के वकील और वृंदावन के पर्यावरण प्रेमी द्वारा दाखिल की गई याचिका पर NGT ने सुनवाई करते हुए इस मामले में अगली तारीख 22 जनवरी लगा दी।

डालमिया फार्म हाउस में पेड़ काटने के मामले में एनजीटी हुई सुनवाई के दौरान नोटिस इशू करते हुए न्यायालय ने यह निर्देश दिया की पेड़ों को काटने की सच्चाई के बारे में न्यायालय को अवगत करवाने हेतु एक कमेटी का गठन किया जाए। जिसमें मुख्य रूप से जिलाधिकारी मथुरा जो की नोडल अधिकारी रहेंगे तथा सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एक सदस्य, मेंबर MOEF मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट क्लाइमेट चेंज लखनऊ के एक सदस्य, प्रिंसिपल चीफ कंसर्वेटर ऑफ फारेस्ट के एक सदस्य, तथा निदेशक फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया रहेंगे।

मामले में प्रतिवादी संख्या 10 शंकर सेठ गुरु कृपा तपोवन कॉलोनी की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया एवं अधिवक्ता राहुल कुमार, हिमांशु त्रिपाठी ने पक्ष रखते हुए वादी नरेंद्र कुमार गोस्वामी की सत्यता उजागर करते हुए न्यायालय को वास्तविकता से अवगत करवाया तथा न्यायालय को बताया की वादी नरेंद्र गोस्वामी स्वयं एक प्रॉपर्टी डीलर हैं तथा न्यायालय को गुमराह करने की नीयत से एवं अपने स्वार्थ को सिद्ध करने हेतु ही ये याचिका दाखिल की गई है। वादी की मंशा पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने कहा की याचिकाकर्ता साफ नियत के साथ न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं हो रहे हैं तथा मीडिया पब्लिसिटी के लिए याचिका दाखिल की गई है।

न्यायालय ने ये सुनने के उपरांत किसी भी तरह के अंतरिम राहत से मना कर दिया, तथा वादी के खिलाफ जो साक्ष्य हैं उन्हें प्रतिवादी संख्या 10 शंकर सेठ के जवाब के साथ दाखिल करने की अनुमति दी। न्यायालय ने ये भी साफ कर दिया कि सिर्फ उन्हीं मुद्दों पर न्यायालय विचार करेगी जो पर्यावरण से संबंधित हैं। अदालत ने ये भी कहा कि जब FIR हो चुकी है और मामले की जांच पहले से चल रही है तो इस याचिका का औचित्य नहीं होता। लेकिन चूंकि मामला पेड़ों को काटने से संबंधित है इस लिए सच्चाई उजागर होनी चाहिए ।

प्रतिवादी संख्या 10 शंकर सेठ के अधिवक्ता गौरव भाटिया, राहुल कुमार ने ये भी बताया की प्रतिवादी संख्या 10 का पेड़ों की कटाई के मामले से कोई लेना देना नहीं है और इस मामले में प्रतिवादी बनाना वादी के स्वार्थ परता का परिणाम है। अधिवक्ता राहुल कुमार ने ये भी जानकारी दी की प्रतिवादी संख्या 10 पेड़ों की कटाई के सख्त खिलाफ हैं एवं उनके परियोजनाओं में जो उनके समह द्वारा पूर्व में सम्पूर्ण की गई हैं उनमें सभी तरह के पर्यावरण कानूनों का ध्यान रखते हुए पालन किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी के लिए तय की गई है।

डालमिया फार्म हाउस में 400 से ज्यादा पेड़ काटने के मामले में मथुरा के बिल्डर शंकर सेठ और उनके सहयोगियों की मुसीबत बढ़ने वाली है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील नरेंद्र कुमार गोस्वामी और वृंदावन के पर्यावरण प्रेमी मधु मंगल शुक्ला ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। 1191 और 1192 नंबर पर दाखिल किए गए इन प्रार्थना पत्रों को NGT द्वारा स्वीकार कर लिया था और इस पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख दे दी थी।

डालमिया फार्म हाउस में हरे पेड़ों के काटने के मामले में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में नरेंद्र गोस्वामी द्वारा दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में CBI जांच की मांग की गई है। आरोप लगाया गया है कि इस मामले में बिल्डर और अधिकारियों की मिलीभगत थी। नरेंद्र गोस्वामी ने दाखिल किए प्रार्थना पत्र में 6 बिंदु रखे हैं। जिसमें ताज त्रिपोजियम जोन में पेड़ कटाई का संज्ञान लेते हुए पर्यावरण संतुलन बहाल करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने, जितने पेड़ काटे उसके मुकाबले दोगुने वृक्ष लगाने, अवैध रूप से साफ की गई सभी व्यवसायिक गतिविधियों को रोकने, डालमिया फार्म हाउस में किसी भी निर्माण या भूमि उपयोग पर सुनवाई तक रोक लगाने के अलावा CBI से जांच कराने की मांग की गई थी।

19 सितंबर की रात को छटीकरा वृंदावन रोड पर विनाश की कहानी लिखी गई। यहां अपने लाभ के लिए जमीनों का सौदा करने वाले शंकर सेठ और उनके ग्रुप से जुड़े शहर के नामचीन लोगों ने 15 से ज्यादा JCB मशीन और पोकलेन मशीनों से यहां लगे 400 पेड़ों को उजाड़ दिया। इनमें अधिकांश संरक्षित पेड़ थे, जिसमें कदंब, वट और अन्य वृक्ष भी थे। रातों रात काटे गए पेड़ों की जानकारी न तो वन विभाग को हुई और न ही पुलिस के खुफिया तंत्र को । जबकि जिस रात यह पेड़ काटे गए वहां से 2 किलोमीटर दूर मालगाड़ी पलटने का हादसा हुआ था। थाना जैंत पुलिस के अलावा जिले के तमाम आला अधिकारी इधर से उधर भाग रहे थे। यह पेड़ किसी ऐसी जगह नहीं काटे गए जहां कोई आता जाता न हो। बल्कि उस रोड पर काटे गए जिस पर 24 घंटे आम से लेकर खास तक का आना जाना लगा रहता है।

रात रात काटे गए पेड़ों को लेकर भले ही जिम्मेदार अंजान बने रहे हों लेकिन मामला तूल पकड़ा तो वन विभाग, बिजली विभाग और मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने बिल्डर सहित अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करा दी। इस मामले में जब सपा, कांग्रेस सहित ब्रज के अलग अलग संघटन प्रदर्शन करने लगे तो पुलिस ने कार्यवाही का दिखावा शुरू किया। जैंत पुलिस ने पहले बिल्डर शंकर सेठ को गिरफ्तार किया हालांकि उनकी सेम डे कोर्ट से जमानत मिल गई। इसके बाद पुलिस ने JCB मालिक और फिर 33 मजदूरों तक को गिरफ्तार दिखा दिया। लेकिन मजे की बात तो यह है कि बिल्डर शंकर सेठ के साथ कौन लोग यह 11 दिन बाद भी पुलिस पता नहीं कर सकी।

पेड़ काटने की जानकारी मिलते ही प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने भी अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने वृंदावन धाम की लता पताओं का महत्व बताते हुए इसे ब्रह्म हत्या के बराबर बता दिया। उन्होंने कहा यह पेड़ 50-100 साल में तैयार होते हैं, इनको काटना घोर अपराध है। जिसने ऐसा किया है उसका मटिया मेट हो जायेगा। उन्होंने कहा यहां के क्या कहीं के पेड़ नहीं काटने चाहिए। धाम के 84 कोस के वृक्ष तो महात्मा हैं। यहां एक शाखा काटने पर करोड़ों ब्रह्म हत्या का पाप लगता है।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.