'मणिपुर को अफगानिस्तान क्यों बनने दिया जा रहा?', कांग्रेस सांसद अकोइजाम ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल
इनर मणिपुर से सांसद अकोइजाम ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ ही भारत सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने राज्य की खराब होती स्थिति पर गहरी चिंता जताई।
नई दिल्ली (आरएनआई) मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस सांसद ए बिमल अकोइजाम ने केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैये को लेकर सवाल पूछे हैं। उन्होंने मणिपुर की स्थिति से निपटने की केंद्र के तरीके की निंदा करते हुए कहा कि भारत सरकार पूर्वोत्तर राज्य को अफगानिस्तान क्यों बनने दे रही है? उन्होंने अफगानिस्तान को ‘बनाना रिपब्लिक’ (कमजोर सरकार वाला ऐसा देश जो किसी एक ही वस्तु के निर्यात से मिलने वाले धन पर निर्भर होता है) करार दिया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति उत्तर प्रदेश और बिहार होती तो उसे ऐसे नहीं छोड़ा जाता।
सांसद अकोइजाम ने कहा कि जब मणिपुर में 60,000 सैनिक मौजूद हैं तो केंद्र सरकार को संकट को लंबे समय तक खिंचने से रोकना चाहिए था। मणिपुर को कुकी समूह की ओर से केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अलग प्रशासन के मुद्दे पर दो अलग-अलग बातें बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विधायकों और मंत्रियों को बुलाकर कहना चाहिए था कि भारत में ऐसा नहीं होना चाहिए। मणिपुर किसी बनाना रिपब्लिक का हिस्सा नहीं है, मैं ऐसा नहीं होने दूंगा, बात करके पता लगाओ, समस्या क्या है? उन्होंने केंद्र से राज्य सरकार में व्याप्त समस्याओं को सुलझाने के लिए वार्ता करने का आग्रह किया।
इनर मणिपुर से सांसद अकोइजाम ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ ही भारत सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने राज्य की खराब होती स्थिति पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि जहां कबीलाई सरदार घूमते रहते हैं और केंद्रीय सत्ता अपना प्रभाव नहीं जमा पाती। भारत सरकार मणिपुर को अफगानिस्तान की तरह बनाना रिपब्लिक क्यों बनने दे रही है?
अकोइजाम ने आरोप लगाया कि मणिपुर को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। कोई राज्य को विभाजित करने की चाह रखने वालों के साथ मिलकर यह साजिश रच रहा है। मणिपुर में औपनिवेशिक काल के बाद भारत में हुई अप्रत्याशित हिंसा हुई है। उन्होंने इसे गृह युद्ध जैसा बताया, क्योंकि हिंसा में अत्याधुनिक हथियारों और सैन्य शैलियों का प्रयोग किया गया।
जेएनयू में एसोसिएट प्रोफेसर अकोइजाम ने कहा कि भारत बनाना रिपब्लिक नहीं है। अगर भारतीय सशस्त्र बलों को किसी अन्य देश में शांति सेना के रूप में काम करने की अनुमति दी जाती, तो भी आप ऐसी चीजें नहीं होने देते। सीएम बीरेन सिंह को क्लीन चिट देने के सवाल पर अकोइजाम ने कहा कि किसी भी अधिकारी को, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, जवाबदेही से बचना नहीं चाहिए। सिंह क बयान जमीनी स्थिति को स्पष्ट करने के बजाय विरोधाभासी और भ्रामक हैं।
अकोइजाम ने कहा कि शुरू में कहा गया कि हिंसा में इसमें मादक पदार्थ-आतंकवाद शामिल है, कभी दावा किया गया कि ऐसा नहीं है और कभी यह कहा गया कि इसमें विदेशी तत्व शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार बदले जा रहे बयानों ने असल समस्या को और भी अस्पष्ट कर दिया है।
सरकारी संस्थाओं में विश्वास टूटने को लेकर अकोइजाम ने पुलिस सहित सुरक्षा बलों पर भरोसा कम होने को लेकर दुख जताया। उन्होंने कहा कि जब सरकारी संस्थाओं में विश्वास खत्म हो जाता है, तो इससे सरकार की वैधता पर सवाल उठता है। अकोइजाम ने गृह मंत्री अमित शाह के मणिपुर में स्थिति शांत होने दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि सरकार के ऐसे बयान स्थिति स्पष्ट करने के बजाय भ्रम पैदा करते हैं। मणिपुर में शांति बहाल करने की संभावना पर कांग्रेस सांसद बोले कि यह स्थिति इतिहास में हुए देश के अन्य संघर्षों की तुलना में कहीं अधिक जटिल है।
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