मणिपुर के नौ राज्यों में दो दिन और बढ़ा इंटरनेट पर प्रतिबंध
मणिपुर सरकार ने बुधवार को नौ जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को 29 नवंबर तक बढ़ा दिया। यह फैसला राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद लिया गया है।
इंफाल (आरएनआई) मणिपुर सरकार ने बुधवार को नौ जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को 29 नवंबर तक बढ़ा दिया। यह फैसला राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद लिया गया है। राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया, राज्य सरकार ने इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, काकचिंग, बिष्णुपुर, थौबल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, फेर्जवाल और जिरिबाम जिलों में मोबाइल इंटरनेट और डाटा सेवाओं सहित वीएसटी और वीपीएन को जनता के हित में अगले दो दिनों तक निलंबित रखने का फैसला लिया है।
16 नवंबर को राज्य में हिंसा बढ़ने के बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को दो दिन के लिए निलंबित किया था, ताकि असामाजिक तत्वों के ऐसे कंटेंट का प्रसार रोका जा सके, जो कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकते थे। तब से इस निलंबन को कई बार आगे बढ़ाया गया है। हालांकि, राज्य सरकार ने ब्रॉडबैंड सेवाओं को मंगलवार को शर्तों के साथ बहाल किया है, ताकि आम लोगों, स्वास्थ्य सेवाओं, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य कार्यालयों को होने वाली दिक्कतों को कम किया जा सके।
मणिपुर के एक नागरिक समाज संगठन कोकोमी के स्वयंसेवकों ने आज राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कार्यालयों से बाहर निकालने का दबाव डाला। कोकोमी ने आज से दो दिन के लिए इन कार्यालयों को बंद कराने का एलान किया था। कोकोमी के छात्र संगठन के स्वयंसेवकों ने इंफाल के सचिवालय और परिवहन निदेशालय कार्यालय में घुसकर कर्मचारियों को कार्यालय छोड़ने को कहा। ये कार्यालय मणिपुर पुलिस मुख्यालय औ मुख्यमंत्री के बंगले के पास स्थित हैं। इन स्वयंसेवकों ने कार्यालयों के गेट को भी बंद करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
इसके बाद वे संजेंथोंग स्थित वन विभाग के मुख्य कार्यालय और पोरोमपट के डीसी कॉम्पलैक्स में उप-मंडल अधिकारी के कार्यालय में घुसे और कर्मचारियों को बाहर निकालने का प्रयास किया। भारी संख्या में तैनात सुरक्षा कर्मियों के बावजूद वे कुछ कार्यालयों के गेट बंद करने में सफल रहे। स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को इंफाल के सभी घाटी जिलों और जिरिबाम में तैनात किया गया है।
कोकोमी के छात्र मोर्चा के समन्वयक धनकुमार मेतेई ने पत्रकारों से कहा, हमने राज्य सरकार के कार्यालयों को बंद कराने का अभियान शुरू किया है। सरकारी अधिकारी शांति बहाल करने और हिंसा को खत्म करने में असफल हुए हैं, इसलिए वे जिम्मेदार हैं। हम सरकारी कर्मचारियों से भी अपील करते हैं कि वे कार्यालय न आएं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कोकोमी से कोई आंदोलन न करने की अपील की थी।
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