मणिपुर के अधिकारियों से तीन बार संपर्क करने पर भी नहीं मिला कोई जवाब: एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर पिछले तीन महीनों में तीन बार अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला।
नयी दिल्ली, 21 जुलाई 2023, (आरएनआई)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर पिछले तीन महीनों में तीन बार अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला।
सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन महीनों में एनसीडब्ल्यू को प्राप्त शिकायतें महिलाओं के खिलाफ अपराध और हिंसा से संबंधित थीं, जिनमें बलात्कार और महिलाओं के घरों को आग के हवाले करना भी शामिल है।
शर्मा ने मीडिया के एक वर्ग में आई उन खबरों से इनकार किया, जिनमें दावा किया गया है कि आयोग को जातीय हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में चार मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना के बारे में 12 जून को एक शिकायत मिली थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। चार मई का एक वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था।
उन्होंने कहा कि वीडियो सामने आने के बाद उन्होंने शुक्रवार को घटना का स्वत: संज्ञान लिया और अधिकारियों से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा।
एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा कि उन्हें महिलाओं के मुद्दों के संबंध में अन्य शिकायतें मिली हैं और इसके लिए उन्होंने मणिपुर में अधिकारियों से तीन बार संपर्क किया था, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने राज्य के अधिकारियों को भेजे गए पत्र भी साझा किए। शर्मा ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की शिकायतों पर उन्हें पत्र लिखा था।
शर्मा ने कहा, “हमें प्रामाणिकता की पुष्टि करनी थी, और यह भी कि शिकायतें मणिपुर से नहीं थीं, कुछ तो भारत से भी नहीं थीं। हमने अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला, लेकिन जब कल (महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का) वीडियो वायरल हुआ, तो हमने स्वत: संज्ञान लिया।”
पत्र 18 मई, 29 मई और 19 जून को लिखे गए थे।
उन्होंने कहा, “हमें जो पहली शिकायत मिली वह एक समूह से थी, हमने इस मामले पर डीजी पुलिस (पुलिस महानिदेशक) और मुख्य सचिव (सीएस) को पत्र लिखा था। हमनें उन्हें याद दिलाया। फिर हमें एक और शिकायत मिली और हमने दोबारा डीजी और सीएस को पत्र लिखा। स्वत: संज्ञान लेने से पहले हमनें तीन बार उनसे संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।”
शिकायतों की प्रतियां साझा नहीं की गईं, लेकिन सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वे राज्य में दुष्कर्म और महिलाओं के घरों को जलाने की घटनाओं सहित उनके खिलाफ हिंसा से संबंधित थीं।
यह पूछे जाने पर कि जब अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया तो क्या आयोग ने उन्हें तलब करने के बारे में सोचा था, शर्मा ने कहा, “उन्हें बुलाने का मतलब यह होता कि वे उस जगह से दूर हो जाते, जहां पहले से ही इतना कुछ हो रहा है”।
उन्होंने कहा, “वहां (मणिपुर) की स्थिति के मद्देनजर टीम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम जांच के लिए नहीं जा सकते थे और अगर अन्य राज्यों की तरह स्थिति होती तो मैं वहां जाती। हमने इस दौरान बार-बार डीजी पुलिस और मुख्य सचिव से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।”
मणिपुर के डीजीपी और मुख्य सचिव को 19 जून को लिखे पत्र में आयोग ने कहा, “भारत सरकार के राष्ट्रीय महिला आयोग को मणिपुर में समुदायों के बीच हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण झड़पों के संबंध में अभ्यावेदन प्राप्त हो रहे हैं। झड़पों के परिणामस्वरूप जान माल को नुकसान पहुंचा है, और कई लोग विस्थापित हुए हैं।”
इसमें कहा गया, “इसलिए, सैनिटरी नैपकिन के वितरण और अस्थायी आश्रयों में स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान सहित भोजन, सुरक्षा, आश्रय और स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करके सभी महिलाओं और लड़कियों की गरिमा तथा मौलिक अधिकारों का सम्मान करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा, महिलाओं के प्रति हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है।”
एनसीडब्ल्यू ने पत्र में, प्रभावित महिलाओं को तत्काल सहायता पहुंचाने और इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार से कहा था।
बुधवार को चार मई का वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर के पर्वतीय क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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