भोजन, पानी में खतरनाक रसायन दे रहे कैंसर जैसी बीमारियां, प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए बन रहा समस्या

पीएफएएस उत्पादों में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों का एक समूह है जो शरीर में जमा हो जाता है और नष्ट होने में बहुत लंबा समय लेता है। ये पदार्थ कैंसर, यकृत को नुकसान पहुंचाने और प्रजनन संबंधी समस्याओं सहित कई खतरों को बढ़ाते हैं।

Dec 1, 2024 - 07:00
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भोजन, पानी में खतरनाक रसायन दे रहे कैंसर जैसी बीमारियां, प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए बन रहा समस्या

बेलगाम  (आरएनआई) बेलगाम औद्योगिक प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए लगातार खतरा बनता जा रहा है। पॉली फ्लोरो एल्काइल पदार्थों (पीएफएएस) की वजह से सेहत संबंधी समस्याएं बढ़ रहीं हैं। एनवायर्नमेंटल रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पता चला है कि पीने के पानी, भोजन और औद्योगिक प्रदूषण से लोगों के रक्त स्तर और पीएफएएस के बीच संबंध हैं।

पीएफएएस उत्पादों में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों का एक समूह है जो शरीर में जमा हो जाता है और नष्ट होने में बहुत लंबा समय लेता है। ये पदार्थ कैंसर, यकृत को नुकसान पहुंचाने और प्रजनन संबंधी समस्याओं सहित कई खतरों को बढ़ाते हैं। यूएससी के केक स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि भोजन और पानी तक पीएफएएस की पहुंच सेहत के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी खतरा पैदा कर रही है।

मुख्य रूप से पीएफएएस हजारों रसायनों का समूह है, जिनमें फ्लोरीन होता है। ये रसायन जल, तेल और दाग को दूर रखने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इनका इस्तेमाल और कई तरह के उत्पादों जैसे कि कपड़े, कालीन, गद्दे, सोफे, नॉन स्टिक कुकवेयर और भोजन के लिए इस्तेमाल होने वाली कागज की पैकेजिंग में किया जाता है। इसी तरह एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में भी इनका इस्तेमाल होता है।

ये पर्यावरण में विघटित नहीं होते इसलिए इन्हें फॉर एवर केमिकल (हमेशा के लिए रसायन) भी कहा जाता है। ये हवा, मिट्टी, सतही जल और भूजल में रहते हैं और स्रोतों के जरिये लंबी दूरी तक जा सकते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि पीएफएएस आमतौर पर खाद्य पैकेजिंग में भी पाए जाते हैं। यहां तक कि ताजे भोजन में कम मात्रा में पीएफएएस की पहुंच से भी खतरा हो सकता है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने अमेरिका के कृषि विभाग के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जहां 500 से अधिक लोग या आबादी का एक तिहाई हिस्सा निकटतम सुपरमार्केट से 0.5 मील से अधिक दूरी पर रहते हैं।

शोधकर्ताओं ने पीएफएएस के कारण रक्त स्तर में होने वाले अंतर का पता लगाने के लिए दो प्रतिभागी समूहों मेटाबोलिक व अस्थमा पीड़ित किशोरों के खून के नमूनों काे विश्लेषण किया। कैलिफोर्निया में पानी में मिलावट के आंकड़ों का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं वहां पानी में खतरनाक एसिड युक्त परफ्लुओरोक्टेन सल्फोनिक एसिड (पीएफओएस) और उनके सहयोगी रसायन पाए गए।

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