भूख हड़ताल वापस लेने के लिए मनोज जरांगे ने रखी शर्त
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को एक महीने का समय दिया है, जिसमें सरकार कमिटी का गठन कर मराठा आरक्षण पर रिपोर्ट तैयार कर सके।
मुंबई। (आरएनआई) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी भूख हड़ताल वापस लेने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने एक मांग रखी है। उन्होंने मांग की है कि सीएम शिंदे उनसे आकर मिले जिसके बाद ही वह अपनी भूख हड़ताल वापस लेंगे।
जरांगे ने यह मांग मंगलवार को सीएम से फोन कॉल पर बात करने के बाद रखी। राज्य उद्योग मंत्री उदय सामंत बीती रात मनोज जरांगे से मुलाकात की थी। जरांगे ने कहा कि वह अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को वापस लेने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सरकार मराठा समुदाय को कुंबी जाति प्रमाण पत्र देना शुरू नहीं करती, तब तक वह जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में विरोध स्थल पर ही रहेंगे। जरांगे ने यह भूख हड़ताल 29 अगस्त को शुरू किया था।
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को एक महीने का समय दिया है, जिसमें सरकार कमिटी का गठन कर मराठा आरक्षण पर रिपोर्ट तैयार कर सके। मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए जरांगे ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यहां आए, जिसके बाद मैं अपना भूख हड़ताल वापस ले लूंगा। हम बाद में उसी विरोध स्थल पर अपने समर्थकों के साथ भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए जालना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल खाड़े और अंबाद तहसील के उपविभागीय पुलिस अधिकारी मुकुंद अघव को मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों पर लाठीचार्च करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया। दोनों ही अधिकारियों के लिए राज्य गृह मंत्रालय से दो नोटिस जारी किया गया था।
What's Your Reaction?