भारत ब्रिस्बेन में वाणिज्य दूतावास खोलेगा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि प्रवासी भारतीयों की लंबे समय से जारी मांग को पूरा करने के लिए भारत ब्रिस्बेन में एक वाणिज्य दूतावास खोलेगा।
सिडनी, 23 मई 2023, (आरएनआई)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि प्रवासी भारतीयों की लंबे समय से जारी मांग को पूरा करने के लिए भारत ब्रिस्बेन में एक वाणिज्य दूतावास खोलेगा।
अपने ऑस्ट्रलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने यहां प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
भारत के वर्तमान में सिडनी, मेलबर्न और पर्थ में तीन वाणिज्य दूतावास हैं। ब्रिस्बेन में वर्तमान में भारत का मानद वाणिज्य दूतावास है।
समूचे ऑस्ट्रेलिया से आए करीब 21,000 लोगों से मोदी ने कहा, ‘‘सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों के साथ जुड़ना बेहद खुशी की बात है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं आपके पास आया हूं, तो एक घोषणा भी करने जा रहा हूं। ब्रिस्बेन में भारतीय समुदाय की बहुत समय से जो मांग थी, उसे पूरा किया जाएगा। जल्द ही ब्रिस्बेन में भारत का एक वाणिज्य दूतावास खोला जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की गहरी होती साझेदारी प्रत्येक भारतीय को सशक्त करेगी, क्योंकि उनके पास प्रतिभा और कौशल की ताकत है और साथ ही अपने सांस्कृतिक मूल्य भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मूल्य आपको ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ घुल-मिलकर रहने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।’’
मोदी ने सिडनी के उपनगर ‘लिटिल इंडिया’ की आधारशिला रखने में उनका समर्थन करने के लिए अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष को धन्यवाद दिया।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने सामुदायिक कार्यक्रम में मोदी का स्वागत करते हुए हैरिस पार्क को ‘लिटिल इंडिया’ घोषित करने का ऐलान किया।
हैरिस पार्क पश्चिमी सिडनी में एक केंद्र है, जहां भारतीय समुदाय दिवाली और ऑस्ट्रेलिया दिवस जैसे त्योहार और कार्यक्रम मनाता है।
मोदी ने सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘धन्यवाद मेरे दोस्त एंथनी।’’
उन्होंने कहा कि यह ऑस्ट्रेलियाई समाज की भारतीय समुदाय को दी गई मान्यता है।
उन्होंने कहा, ‘मैं न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर, पेरामेटा शहर के मेयर और उप मेयर और पार्षदों को इस विशेष सम्मान के लिए धन्यवाद देता हूं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में रह रहे प्रवासी भारतीयों को भारत का ‘सांस्कृतिक दूत’ और भारत का ‘ब्रांड एंबेसडर’ करार दिया और उनसे आग्रह किया कि वह जब भी अपने वतन आएं किसी न किसी अपने ऑस्ट्रेलियाई मित्र को साथ जरूर लेकर आएं।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे उन्हें भारत को समझने और जानने का और ज्यादा बेहतर मौका मिलेगा।’’
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