भारत-बांग्लादेश के बीच 10 अहम समझौते
बांग्लादेशी पीएम ने कहा कि 'भारत हमारा प्रमुख पड़ोसी, भरोसेमंद मित्र और क्षेत्रीय साझेदार है। बांग्लादेश भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है, जो 1971 के मुक्ति संग्राम से शुरू हुए थे।'
नई दिल्ली (आरएनआई) भारत और बांग्लादेश ने शनिवार को समुद्री क्षेत्र और समुद्री अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनोमी) में संबंधों को बढ़ावा देने सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना के बीच व्यापक बातचीत के बाद समझौतों को अंतिम रूप दिया गया। दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए इन समझौतों में डिजिटल डोमेन में संबंध मजबूत करने और 'हरित साझेदारी' को लेकर एक समझौता भी शामिल है।
दोनों देशों के बीच रेलवे संपर्क बढ़ाने के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। समझौतों के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा कि, 'आज हमने नए क्षेत्रों में सहयोग के लिए भविष्य का विजन तैयार किया है। हरित भागीदारी, डिजिटल भागीदारी, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति से दोनों देशों के युवाओं को फायदा होगा।'
वहीं अपने बयान में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को बांग्लादेश का प्रमुख पड़ोसी और भरोसेमंद दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि 'भारत हमारा प्रमुख पड़ोसी, भरोसेमंद मित्र और क्षेत्रीय साझेदार है। बांग्लादेश भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है, जो 1971 के मुक्ति संग्राम से शुरू हुए थे।'
भारत ने बांग्लादेश के नागरिकों को मेडिकल ई-वीजा की सुविधा देने का एलान किया है। इसके लिए भारत सरकार बांग्लादेश के रंगपुर में उप-उच्चायोग खोलेगी। साथ ही दोनों देश तीस्ता नदी के जल-बंटवारे पर चर्चा के लिए तकनीकी टीम भेजने पर भी सहमत हो गए हैं। पीएम मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष के बीच कुल 10 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिनमें डिजिटल साझेदारी, हरित साझेदारी, मेरीटाइम सहयोग, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग, रेलवे संपर्क, समुद्री रिसर्च, सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में आपसी सहयोग, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन और मतस्य पालन संबंधी समझौते शामिल हैं।
बांग्लादेशी पीएम ने कहा, 'मैं बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भारत सरकार और भारत के लोगों के योगदान को कृतज्ञता के साथ याद करती हूं।' शेख हसीना ने 1971 के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारत के वीर शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, 'आज हमारी बहुत ही उपयोगी बैठकें हुईं, जिनमें हमने सुरक्षा, व्यापार, संपर्क, साझा नदियों के पानी के बंटवारे, बिजली और ऊर्जा तथा क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। हम अपने लोगों और देशों की बेहतरी के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने पर सहमत हुए।'
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को भारत पहुंचीं। लोकसभा चुनावों के बाद भारत में नई सरकार के गठन के बाद यह किसी विदेशी नेता की पहली द्विपक्षीय राजकीय यात्रा है। शनिवार सुबह शेख हसीना ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। बैठक से पहले बांग्लादेशी प्रधानमंत्री को एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया। शेख हसीना भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के उन सात शीर्ष नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने 9 जून को प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के भारत के राजकीय दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों (एमओयू) की सूची जारी की। एमओयू में भारत-बांग्लादेश डिजिटल और हरित साझेदारी के लिए एक साझा दृष्टिकोण, समुद्री सहयोग और नीली अर्थव्यवस्था पर समझौता, भारत के इन-स्पेस और बांग्लादेश के आईसीटी और दूरसंचार मंत्रालय के बीच समझौता, रेल संपर्क के लिए दोनों देशों के रेल मंत्रालयों के बीच समझौता, सीएसआईआर के तहत बांग्लादेश समुद्र विज्ञान अनुसंधान संस्थान (बीओआरआई) और भारत के राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (एनआईओ) के बीच समझौता, सामरिक और परिचालन अध्ययन के क्षेत्र में सैन्य शिक्षा से संबंधित सहयोग के लिए रक्षा सेवा स्टाफ के लिए समझौता, आपदा प्रबंधन में सहयोग के लिए एनडीएमए और आपदा प्रबंधन व राहत मंत्रालय के बीच समझौता, मत्स्य पालन में सहयोग के लिए समझौता शामिल हैं।
एमईए ने हसीना के भारत दौरे के दौरान की गई घोषणाओं की सूची भी जारी की। इन घोषणाओं में बांग्लादेश के मरीजों के लिए ई-वीजा, बांग्लादेश के रंगपुर में भारत का नया सहायक उच्चायोग, राजशाही और कोलकाता के बीच ट्रेन सेवा,चटगांव और कोलकाता के बीच नई बस सेवा, गेडे-दरसाना और हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी के बीच डलगांव तक मालगाड़ी सेवा शुरू करना, अनुदान सहायता के तहत सिराजगंज में अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) का निर्माण, भारतीय ग्रिड के जरिए नेपाल से बांग्लादेश को 40 मेगावाट बिजली का निर्यात करना, गंगा जल संधि के नवीकरण पर चर्चा के लिए संयुक्त तकनीकी समिति गठित करना, बांग्लादेश के अंदर तीस्ता नदीं के संरक्षण औऱ प्रबंधन पर परियोजना के लिए तकनीकी प्रतिनिधिमंडल का बांग्लादेश दौरा, बांग्लादेश के पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और प्रति रोगी आठ लाख रुपये की अधिकतम सीमा के साथ मरीजों के लिए मुक्तिजोधा योजना शामिल हैं।
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