भारत आज डिजिटल प्रौद्योगिकी और 5-जी जैसे क्षेत्रों में बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज भारत कर्तव्यों को पहली प्राथमिकता बनाकर आगे बढ़ रहा है और इसी का नतीजा है कि देश दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है तथा डिजिटल प्रौद्योगिकी व 5-जी जैसे क्षेत्रों में बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहा है।
पुट्टपर्ती (आंध्र प्रदेश), 4 जुलाई 2023, (आरएनआई)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज भारत कर्तव्यों को पहली प्राथमिकता बनाकर आगे बढ़ रहा है और इसी का नतीजा है कि देश दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है तथा डिजिटल प्रौद्योगिकी व 5-जी जैसे क्षेत्रों में बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहा है।
यहां स्थित प्रशांति निलयम में नवनिर्मित साईं हीरा वैश्विक सम्मेलन केंद्र का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के 100 वर्ष के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुए, हमने हमारे ‘अमृतकाल’ को ‘कर्तव्य काल’ का नाम दिया है। हमारे कर्तव्यों में आध्यात्मिक मूल्यों का मार्गदर्शन भी है और भविष्य के संकल्प भी हैं। इसमें विकास भी है और विरासत भी है।’’
मोदी ने कहा कि आज एक ओर देश में आध्यात्मिक केंद्रों का पुनरुद्धार हो रहा है तो साथ ही भारत अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में भी ‘लीड’ कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में शामिल हो चुका है। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। डिजिटल प्रौद्योगिकी और 5-जी जैसे क्षेत्रों में हम बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहे हैं। दुनिया में आज जितने भी रियल टाइम ऑनलाइन लेनदेन हो रहे हैं, उसमें 40 प्रतिशत अकेले भारत में हो रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी से आज यह परिवर्तन आ रहा है, इसलिए विश्व भारत के नेतृत्व में भरोसा कर रहा है।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन को पूरे विश्व के लिए एक बड़ी समस्या करार दिया और कहा कि 21वीं सदी की चुनौतियों को देखते हुए भारत ने वैश्विक मंच पर मिशन एलआईएफई यानी पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली जैसे कई कदम उठाए हैं।
भारत की अध्यक्षता में हो रही जी-20 बैठकों और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में योग सत्र के आयोजन का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया में आज भारत के प्रति आकर्षण भी बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति, हमारी विरासत, हमारा अतीत, हमारी धरोहर.. इनके प्रति जिज्ञासा भी लगातार बढ़ती जा रही है। जिज्ञासा ही नहीं, बल्कि आस्था भी बढ़ रही है।’’
पिछले कुछ सालों में विदेशों से भारत लाई गई मूर्तियों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के इन प्रयासों के पीछे देश की सांस्कृतिक सोच सबसे बड़ी ताकत है।
उन्होंने कहा कि देश में सांस्कृतिक जागरूकता लाने के प्रयासों में सत्य साईं ट्रस्ट जैसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संस्थानों की एक बड़ी भूमिका है।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद समाजसेवी रयूको हीरा से अनुरोध किया कि वे छोटे-छोटे जंगल बनाने की तकनीक मियावाकी के उपयोग के बारे में ट्रस्ट के लोगों को बताएं ताकि इस पहल को देश के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जा सके।
श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट ने पुट्टपर्थी के प्रशांति निलयम में साईं हीरा वैश्विक सम्मेलन केंद्र का निर्माण किया है, जिसे समाजसेवी हीरा द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
ट्रस्ट की ओर से आंध्र प्रदेश के करीब 40 लाख छात्रों को श्रीअन्न रागी-ज्वार से बना भोजन दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तरह के कदमों से दूसरे राज्यों को भी जोड़ा जाए तो देश को इसका बड़ा लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीअन्न में स्वास्थ्य भी है और संभावनाएं भी हैं। हमारे ऐसे सभी प्रयास वैश्विक स्तर पर भारत के सामर्थ्य को बढ़ाएंगे और भारत की पहचान को मजबूती देंगे।’’
उद्घाटन समारोह में दुनिया भर के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति और श्रद्धालु उपस्थित थे। प्रशांति निलयम श्री सत्य साईं बाबा का मुख्य आश्रम है। समाजसेवी रयुको हीरा द्वारा प्रदत्त यह केंद्र सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आध्यात्मिकता और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने वाले दृष्टिकोण का एक प्रमाण है।
इस केंद्र में सम्मेलन, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी की जा सकेगी। यह ध्यान कक्ष, उद्यान और आवास सुविधाओं से भी लैस है।
What's Your Reaction?