भारतीय वैदिक संस्कृति की ध्वजा थे संत प्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज

Mar 7, 2023 - 21:41
 0  702
भारतीय वैदिक संस्कृति की ध्वजा थे संत प्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज
भारतीय वैदिक संस्कृति की ध्वजा थे संत प्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज

वृन्दावन। वंशीवट क्षेत्र स्थित संकीर्तन भवन में श्रीसंकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के द्वारा ठाकुर वंशीवट बिहारी गिरधारीलाल जू महाराज के पावन सानिध्य में गोलोकवासी संत प्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज के 33वें द्विदिवसीय तिरोभाव महोत्सव के अंतर्गत प्रातः काल भक्तों-श्रृद्धालुओं के द्वारा महाराजश्री की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया। तत्पश्चात श्रीहनुमत आराधन मंडल (वृन्दावन) के द्वारा सुंदरकांड का संगीतमय सामूहिक गायन किया गया। इसके अलावा वृहद संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें विचार व्यक्त करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि संत प्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज भारतीय वैदिक संस्कृति की ध्वजा थे। उनके द्वारा सनातन संस्कृति को सुदृढ व उन्नत बनाने के लिए तमाम ठोस कार्य किए गए। जिसके लिए सनातन धर्मावलंबी उनके सदैव ऋणी रहेंगे।
सुग्रीवकिला पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीरामानुजाचार्य स्वामी विश्वेशप्रपन्नाचार्य व संत प्रवर स्वामी गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज गौसेवा, संत सेवा, विप्र सेवा एवं निर्धन - निराश्रित सेवा आदि के मूर्तिमान स्वरूप थे। उन जैसी पुण्यात्माओं का अब युग ही समाप्त हो गया है।
श्रीसंकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी आचार्य विनय त्रिपाठी व भागवताचार्य गोपाल भैया महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज हिन्दी व संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे। उनके द्वारा कई ग्रंथों का प्रणयन किया गया। महाराजश्री ने धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज के साथ में गौरक्षा हेतु कई आंदोलनों का सूत्रपात करके उनमें बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
महोत्सव में महंत हरिबोल बाबा महाराज, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, आचार्य मंगेश दुबे, भागवत पीठाधीश्वर मारुतिनंदन वागीश महाराज, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, पंडित बिहारीलाल शास्त्री, संगीताचार्य देवकी नन्दन शर्मा, युवराज श्रीधराचार्य महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य मुकेशमोहन शास्त्री, आचार्य युगलकिशोर कटारे, चैतन्यकिशोर कटारे, स्वामी रामशरण शर्मा, भानुदेवाचार्य महाराज, डॉ. रामदत्त मिश्र, आचार्य बुद्धिप्रकाश शास्त्री, डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर महाराजश्री को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की। संचालन पंडित बिहारीलाल शास्त्री ने किया। तदोपरांत प्रख्यात भजन गायकों द्वारा ब्रज से सम्बन्धित होलियों व रसियों का संगीतमय गायन किया गया। साथ ही रंग-गुलाल व फूलों की होली खेली गई। महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.