भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद बोले- हमास को जड़ से उखाड़ फेंकने की आवश्यकता
अमेरिकी सांसद ने कहा कि 'हमें हमास के सैन्य संचालन को पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है ताकि फलस्तीनी लोगों को आजाद कराया जा सके।
वॉशिंगटन (आरएनआई) अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद श्री थानेदार ने आतंकी संगठन हमास की तीखी आलोचना की है और कहा है कि हमास को हमेशा के लिए दुनिया से मिटाने की जरूरत है। थानेदार ने हमास को बर्बर आतंकी संगठन बताया। बता दें कि बीती 7 अक्तूबर को हमास के आतंकियों ने इस्राइल की सीमा में घुसकर निर्दोष लोगों और सेना के जवानों को निशाना बनाया। हमास के आतंकियों ने महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा और 1400 लोगों की जान ले ली। इसके जवाब में इस्राइल की सेना गाजा पट्टी में बमबारी कर रही है।
यूएस कैपिटल हिल में आयोजित एक कार्यक्रम में थानेदार ने कहा कि 'हमास सिर्फ एक उग्रवादी संगठन नहीं है और ना ही कोई प्रतिरोधात्मक आंदोलन है बल्कि वह सिर्फ एक बर्बर आतंकी संगठन है। उन्हें समझाने का कोई अन्य तरीका नहीं है। थानेदार ने कहा कि अब समय आ गया है कि जब हम उन्हें सिर्फ पीछे ना धकेले ताकि वह फिर से इकट्ठा होकर अत्याचार कर सकें, जो कि वो करेंगे। इसलिए जरूरत है कि हम उनका खात्मा करें और इस दुनिया से हमेशा के लिए मिटा दें।' बता दें कि यह कार्यक्रम इस्राइल के समर्थन में आयोजित किया गया था। जिसमें कई अन्य समुदाय के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
अमेरिकी सांसद ने कहा कि 'हमें हमास के सैन्य संचालन को पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है ताकि फलस्तीनी लोगों को आजाद कराया जा सके। 20 लाख लोग गाजा पट्टी में रहते हैं और उन्हें आतंकी नियंत्रण से आजाद कराने की जरूरत है।' इस कार्यक्रम में ये भी मांग की गई कि अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले हिंदू, सिख, यहूदी, हजारा और यजीदी समुदाय को लोगों की सुरक्षा के लिए नीतियां बनाई जाएं। थानेदार ने हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस में एक कॉकस भी बनाई है, जिसमें हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन शामिल हैं। कॉकस ने कहना है कि अमेरिका में हिंदूफोबिया बढ़ रहा है, जिसे रोकने की जरूरत है।
अमेरिकन यहूदी कमेटी के कार्यक्रम में भारत-यहूदी संबंध कार्यक्रम के निदेशक निसिम बी रुबेन ने कहा कि भारत दुनिया का इकलौता देश है, जहां यहूदी विरोध का कोई इतिहास नहीं है। भारत में 2008 में हुए मुंबई हमले तक किसी भी यहूदी को प्रताड़ित नहीं किया गया और 2008 का हमला भी पड़ोसी देश से आए आतंकियों ने किया था। हम काफी खुश हैं कि भारतीय अमेरिकी लोग, पूरी दुनिया में रह रहे भारतीय लोग और पीएम मोदी और भारत के लोगों ने इस्राइल का समर्थन किया है। यह (हमास का हमला) एक बर्बर हमला था और इस्राइल को इस गहरा सदमा लगा है लेकिन इस्राइल इससे उबर जाएगा और मजबूत होकर उभरेगा। हम बतौर भारतीय अमेरिकी इस बात को कभी नहीं भूल सकते कि इस्राइल ने भारत की काफी मदद की है फिर चाहे वो 1965 की जंग हो या फिर 1971 या 1999 की कारगिल जंग, हर बार इस्राइल ने भारत को रक्षा मदद दी है।
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