'भारतीयों के हाथ में हथकड़ी, अपमान...', अमेरिका से निर्वासन की खबरों पर कांग्रेस ने जताया दुख
कांग्रेस ने बुधवार को अमेरिका से निर्वासित किए जाने के दौरान 'भारतीयों को हथकड़ी लगाए जाने और अपमानित किए जाने की तस्वीरों' पर दुख जताया और याद दिलाया कि 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका को भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ किए गए व्यवहार पर खेद व्यक्त करना पड़ा था।
नई दिल्ली (आरएनआई) अमेरिका का एक सैन्य परिवहन विमान भारतीय प्रवासियों के एक समूह को भारत ला रहा है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से अवैध प्रवासियों पर बड़ी कार्रवाई के तहत पहली बार भारत में निर्वासन कर रहा है। भारतीयों को ले जाने वाली निर्वासन उड़ान पर सीधे टिप्पणी किए बिना, नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि वाशिंगटन आव्रजन कानूनों को कड़ा कर रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है।
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बड़ा दावा करते हुए कहा, 'अमेरिका से निर्वासित किए जाने के दौरान भारतीयों को हथकड़ी लगाए जाने और अपमानित किए जाने की तस्वीरें देखकर एक भारतीय के तौर पर मुझे दुख होता है।' उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मुझे याद है कि दिसंबर 2013 में अमेरिका में एक भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को हथकड़ी लगाई गई थी और कपड़े उतारकर तलाशी ली गई थी। विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अमेरिकी राजदूत नैन्सी पॉवेल के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था'। 'यूपीए सरकार ने इस पर तीखा जवाब दिया। मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने उस समय भारत आए अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल (जॉर्ज होल्डिंग, पीट ओल्सन, डेविड श्वेइकर्ट, रॉब वुडल और मेडेलीन बोर्डालो) से मिलने से इनकार कर दिया'।
कांग्रेस नेता ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी कार्रवाई को 'निंदनीय' बताया था। उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिकी दूतावास को दिए जाने वाले कई भत्ते वापस ले लिए, जिसमें दूतावास के कर्मचारियों की तरफ से रियायती दरों पर खाद्य और शराब का आयात शामिल है। पवन खेड़ा ने कहा कि आयकर विभाग ने अमेरिकी दूतावास के स्कूल की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, 'जॉन केरी ने देवयानी खोबरागड़े के साथ किए गए व्यवहार पर खेद व्यक्त किया। अमेरिकी प्रशासन ने विदेश सचिव सुजाता सिंह को फोन करके अमेरिका की ओर से खेद व्यक्त किया।' बता दें कि, 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी खोबरागड़े को वीजा धोखाधड़ी के आरोप में न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया था और भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी राजनयिकों की कुछ श्रेणियों के विशेषाधिकारों को कम करने के अलावा अन्य कदम उठाए थे।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका से 150 से अधिक अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन पर मीडिया में हो रही चर्चा कुछ तथ्यों को अस्पष्ट करती है। 'यह इस तरह का पहला विमान लोड नहीं है, न ही यह सीधे तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के उदय से संबंधित है। पिछले वित्तीय वर्ष (सितंबर 2024 को समाप्त) में 1100 भारतीयों को निर्वासित किया गया था, जो कि ट्रंप के नहीं बल्कि बाइडन के शासन में था। 2022 तक, अमेरिका में 725,000 अज्ञात भारतीय अप्रवासी थे - तीसरा सबसे बड़ा समूह, जिसकी संख्या केवल मैक्सिको और अल साल्वाडोर के नागरिकों से अधिक है।
'अक्तूबर 2020 से, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने कनाडा या मैक्सिको से अवैध रूप से सीमा पार करने का प्रयास करने वाले लगभग 170,000 भारतीय प्रवासियों को हिरासत में लिया है। शशि थरूर ने कहा, 'वे सभी निर्वासन के अधीन हैं।' अमेरिका की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका 12 से 13 फरवरी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन की संभावित यात्रा को अंतिम रूप दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिकी वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान ने टेक्सास के निकट एक एयरबेस से निर्वासित भारतीयों को लेकर उड़ान भरी। हालांकि विमान में सवार लोगों की संख्या के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।
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