भारतीयों की नाराजगी से घबराया मालदीव
अब पर्यटकों को लुभाने के लिए बनाई खास रणनीति; जानें सब कुछ
मेल (आरएनआई) भारत और मालदीव में इस साल की शुरुआत से विवाद बना हुआ है। दोनों देशों के बीच जारी तनाव का नुकसान कहीं न कहीं मालदीव को हो रहा है। यहां भारतीय पर्यटकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। ऐसे में मालदीव उन्हें फिर से लुभाने के लिए भारत के प्रमुख शहरों में रोड शो करेगा। यह घोषणा उसके प्रमुख पर्यटन निकाय मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स (माटाटो) ने की है। हालांकि, रोड शो किन शहरों में और कब कराया जाएगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई।
भारतीय पर्यटकों की कमी से जूझने के बीच, माटाटो ने दोनों देशों के बीच यात्रा और पर्यटन सहयोग बढ़ाने पर यहां भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर के साथ चर्चा की। भारत के बहिष्कार से मालदीव में विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ रहा है, विशेषकर पर्यटन पर, जो मालदीव की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
गौरतलब है, PM मोदी तीन जनवरी को लक्षद्वीप के दौरे पर गए थे। उन्होंने छह जनवरी को वहां की खूबसूरती से जुड़ी तस्वीरें साझा कर कहा था, 'प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।' इसके बाद लक्षद्वीप और मालदीव की तुलना होने लगी। इस पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारत के खिलाफ अपमान टिप्पणी की थी। इस पर भारत के लोगों में गुस्सा भड़क गया और जमकर आलोचना की थी। ये आलोचना इस नौबत तक जा पहुंची कि सोशल मीडिया में हैशटैग 'बॉयकॉट मालदीव' ट्रेंड करने लगा था। बॉयकॉट के चलते मालदीव को भारी नुकसान हुआ। कई हस्तियों समेत भारतीयों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी।
आंकड़े दर्शाते हैं कि शीर्ष पर्यटक देश होने से भारत का स्थान जनवरी के बाद पहले पांचवें और अब छठे स्थान पर आ गया है।मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 10 अप्रैल तक, आने वाले कुल 6,63,269 पर्यटकों में से चीन 71,995 के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद यूनाइटेड किंगडम (66,999) दूसरे, रूस (66,803) तीसरे, इटली (61,379) चौथे , जर्मनी (52,256) पांचवें और भारत (37,417) छठे स्थान पर है।
माले में भारतीय उच्चायोग में आयोजित एक बैठक में चर्चा के बाद, माटोटो ने एक बयान में कहा कि उन्होंने पर्यटन पहल को बढ़ावा देने के लिए मालदीव में भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया है। माटोटो और भारतीय हाई कमिश्नर की बैठक के बाद जारी हुए बयान में कहा गया, 'भारतीय पर्यटकों को मालदीव भेजने के लिए प्रमुख भारतीय शहरों में व्यापक रोड शो शुरू करने और आगामी महीनों में इंफ्लूएंसर्स को मालदीव भेजने से जुड़ी योजना पर काम चल रहा है।'
बयान में आगे कहा गया, 'भारत मालदीव के लिए एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट मार्केट बना हुआ है। माटोटो का कहना है कि वे मालदीव को एक प्रमुख ट्रैवल डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रमुख ट्रैवल एसोसिएशन और इस उद्योग से जुड़े लोगों के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर है।'
इस राजनयिक विवाद के भड़कने से पहले, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले नवंबर में शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर, भारत से अपने 88 सैन्य कर्मियों को देश से वापस लेने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि उनकी उपस्थिति उनके देश की संप्रभुता के लिए खतरा थी। अपने चीन समर्थक झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने घोषणा की है कि 10 मई तक सभी 88 कर्मियों की स्वदेश वापसी के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक कि नागरिक भी मालदीव में मौजूद नहीं रहेगा।
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