भाजपा में कलह देख नई एंट्री वालों को टिकट नहीं देगी कांग्रेस, आज हो सकता है एलान
पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के इस संदेश के बाद कई दलों के दिग्गजों ने कांग्रेस में आने से अपने पैर रोक लिए हैं। खासतौर पर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) से कई वरिष्ठ नेताओं के दोबारा कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी।
जम्मू (आरएनआई) कांग्रेस चुनाव के दौरान दूसरी पार्टियों से आने वाले लोगों को टिकट देने में तवज्जो नहीं देगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के इस संदेश के बाद कई दलों के दिग्गजों ने कांग्रेस में आने से अपने पैर रोक लिए हैं। खासतौर पर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) से कई वरिष्ठ नेताओं के दोबारा कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी।
टिकट आवंटन के बाद भाजपा में अंतर्कलह और असंतोष की लहर को देखते हुए कांग्रेस ने पहले ही एक प्रभावी रणनीति बनाई है, जिससे जमीनी स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ताओं और प्रभावी नेताओं को मौका दिया जाएगा। कांग्रेस में डीपीएपी के रियासी से वरिष्ठ नेता जुगल किशोर के आने की चर्चा थी। हालांकि, जुगल ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। इसी तरह कठुआ से सुभाष गुप्ता के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी।
कई अन्य डीपीएपी नेता भी कांग्रेस में आने के तैयार थे, मगर राहुल के संदेश में टिकट न देने के बाद सभी नेता रुक गए हैं। राहुल का मानना है कि पार्टी में नए चेहरों का स्वागत है, लेकिन पहले उन्हीं नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जो लंबे समय से पार्टी की सेवा कर रहे हैं। राहुल का यह संदेश एक तरह से टिकट आवंटन के बाद पार्टी में विरोध को कम करना भी चाहता है। इसमें कम से कम नई एंट्री वाले लोगों को लेकर विरोध नहीं होगा।
कांग्रेस में टिकटों को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं। प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। प्रदेशाध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा, कार्यकारी अध्यक्ष रमण भल्ला, तारा चंद सहित अन्य वरिष्ठ नेता लगातार दिल्ली के दौरे कर रहे हैं। उधर, पार्टी ने टिकटों के आवंटन से पहले युवा शक्ति की भी राय जानी है। इसमें जिन युवाओं ने टिकट का दावा किया था, उन्हें दिल्ली बुलाकर उनकी क्षमता के आधार के बारे में पूछा गया है। जम्मू से युवा कांग्रेस से उदय भानू चिब, संजीव शर्मा, रिकी डलोत्रा आदि नेता दिल्ली पहुंचे। वहीं, महिला प्रतिनिधित्व के लिए प्रदेशाध्यक्ष शमीमा रैना, भानू महाजन आदि ने भी दावा पेश किया है।
दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस की केंद्र चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें महासचिव केसी वेणुगोपाल, जम्मू-कश्मीर के प्रभारी भरत सिंह सोलंकी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के मौजूद रहने की सूचना है। बैठक में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाई जाएगी। प्रदेश स्तर पर पहले ही समिति उम्मीदवारों के नामों के पैनल को आगे दे चुकी है।
भाजपा के बाद कांग्रेस में भी टिकटों के आवंटन के बाद भीतरी अंतर्कलह और असंतोष पैदा हो सकता है। कई वरिष्ठ नेताओं और नए चेहरों ने टिकटों की आस लगाई हुई है। युवाओं से लेकर वरिष्ठ नेताओं ने टिकट के लिए दावे किए हैं। टिकटें घोषित होने के बाद दावेदार उम्मीदवारों और उनके समर्थकों की ओर से विरोध हो सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के युवा आगामी चुनाव में 'पीएम मोदी एंड कंपनी' को बाहर का रास्ता दिखाएंगे। उन्होंने कहा, मार्च में जम्मू-कश्मीर में युवा बेरोजगारी दर 28.2 प्रतिशत थी। सोशल मीडिया पोस्ट में खरगे ने दावा किया, परीक्षा पेपर लीक, रिश्वत और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण पिछले चार सालों से विभागों में भर्ती में देरी से हो रही है। 2019 से जम्मू-कश्मीर में सरकारी विभागों के 65% पद खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 60,000 से अधिक सरकारी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी 15 वर्षों से अधिक समय से मेहनत कर रहे हैं और उन्हें प्रतिदिन मात्र 300 रुपये मिलते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भले ही भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में उद्योग लगाने का वादा किया था, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश में कोई बड़ी विनिर्माण इकाई नहीं है। 2021 में नई औद्योगिक नीति लागू होने के बावजूद, जमीन पर महज 3 प्रतिशत निवेश ही हो पाया है। प्रधानमंत्री विकास पैकेज (2015) के तहत 40% परियोजनाएं अभी भी लंबित हैं।
पीडीपी के पूर्व प्रवक्ता सुहैल बुखारी रविवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने 20 अगस्त को पीडीपी से इस्तीफा दे दिया था। बुखारी वागूरा-क्रीरी क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज किया।
अलगाववादी नेता सैयद सलीम गिलानी रविवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) में शामिल हो गए। गिलानी ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं हमेशा दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के दृष्टिकोण से प्रेरित रहा हूं। वे हमेशा कश्मीर मुद्दे के समाधान और जेलों में बंद लोगों की रिहाई के बारे में बात करते थे। उन्होंने कहा कि जब वह हुर्रियत का हिस्सा थे, तो उन्हें गर्व था और अब जब वह पीडीपी का हिस्सा हैं, तो उन्हें और भी गर्व महसूस होता है। गिलानी ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए जनादेश प्राप्त करना उनका उद्देश्य नहीं है। मैं पीडीपी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाउंगा, क्योंकि मैं इसी विचारधारा में फिट बैठता हूं। गिलानी कई दशकों तक मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाली हुर्रियत (एम) का हिस्सा रहे हैं।
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