भागवत श्रवण से होता है सभी पापों का नाश : मारुति नंदन "वागीश"
वृन्दावन। (आरएनआई) रुक्मिणी विहार रोड़ (निकट केशव धाम) स्थित भागवत पीठ आश्रम में सत्य सनातन सेवार्थ संस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट,वृन्दावन के द्वारा पुरुषोत्तम मास के पावन उपलक्ष्य में चल रहे सप्तदिवसीय 26वें श्रावण झूलन महोत्सव के अंतर्गत भागवत पीठाधीश्वर वैष्णवाचार्य मारुतिनंदन "वागीश" महाराज ने देश के विभिन्न प्रांतों से आए असंख्य भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की महिमा बताते हुए कहा कि भगवान विष्णु के अवतार वेद व्यासजी महाराज द्वारा रचित श्रीमद्भागवत महापुराण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें सभी वेदों, पुराणों, शास्त्रों, उपनिषदों आदि धर्म ग्रंथों का समावेश है।इसके श्रवण करने मात्र से सभी पापों का नाश हो जाता है।साथ ही मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि मानव जीवन में प्रभु भक्ति की परम् आवश्यकता है।जिस तरह नदी को पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार भवसागर से पार उतरने को भी भगवद भक्ति की आवश्यकता होती है।भक्ति के बिना हमें आराध्य की प्राप्ति होना संभव नहीं है।
इस अवसर पर युवराज श्रीधराचार्य महाराज, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, अरुण बंसल, मधु श्रॉफ, आदर्श बंसल, रानी आहूजा, डॉ. राधाकांत शर्मा, दीपक गोस्वामी, मनोज चौधरी,आचार्य भरत शास्त्री व मोहन गर्ग आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
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