भाकपा (माले) ने सीएए के विरोध में ज्ञापन सौंपा, कहा -सरकार ने चुनावों के मद्देनजर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास किया है!
मथुरा (आरएनआई) भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी लेनिनवादी ) ने नागरिकता संशोधन कानून को 11 मार्च से प्रभावी करने वाली अधिसूचना का विरोध किया है । राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम संबोधित ज्ञापन में पार्टी की जिला कमेटी ने नागरिकता संशोधन कानून को धर्मनिरपेक्ष संविधान के विरुद्ध बताया है और इसे लागू करने की अधिसूचना को आगामी आम चुनावों में धार्मिक ध्रुवीकरण के उद्देश्य से जारी की गई अधिसूचना कहा है । भाकपा (माले) की जिला कमेटी के मंत्री कामरेड गिराधारी लाल चतुर्वेदी और राज्य समिति सदस्य कामरेड नसीर शाह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यह ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट श्री राजेश कुमार को उनके कार्यालय में सौंपा । प्रतिनिधि मंडल ने कानून को लागू करने वाली अधिसूचना वापस लेने की मांग की ।
प्रतिनिधि मंडल में सर्वश्री मधुवन दत्त चतुर्वेदी एडवोकेट, जीसस चतुर्वेदी एडवोकेट, शिव कुमार एडवोकेट, विशन चंद एडवोकेट, खुर्शीद अहमद एडवोकेट, नवोदित गोस्वामी एडवोकेट, राहुल अमीन एडवोकेट, करन भारती एडवोकेट, ललित कुमार एडवोकेट, विवेक रियार एडवोकेट, नईम शाह एडवोकेट, बनवारी लाल एडवोकेट, अमित चतुर्वेदी एडवोकेट, कु आरती शर्मा एडवोकेट, एडवोकेट शहबाज, एडवोकेट बी एस अब्बास और महेश सिसौदिया एडवोकेट शामिल थे ।
(जी एल चतुर्वेदी)
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