भर्तृहरि महताब बने लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर

भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई।

Jun 24, 2024 - 10:30
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भर्तृहरि महताब बने लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर

नई दिल्ली (आरएनआई) ओडिशा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भर्तृहरि महताब ने आज सुबह 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई। बता दें, प्रोटेम स्पीकर एक अस्थायी पद है। प्रोटेम स्पीकर की प्राथमिक भूमिका नए सदस्यों को शपथ दिलाना है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत भाजपा सांसद को प्रोटेम स्पीकर बनाया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने बताया कि प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सुरेश कोडिकुन्नील, थलिककोट्टई राजुथेवर बालू, राधामोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को भी नियुक्त किया है। उन्होंने आग बताया कि भर्तृहरि महताब लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक पीठासीन अधिकारी के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।

महताब को अस्थाई स्पीकर बनाए जाने की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की है। आरोप लगाया है कि सरकार ने इस पद के लिए कांग्रेस सांसद के. सुरेश के दावे की अनदेखी की। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि महताब लगातार सात बार के लोकसभा सदस्य हैं, जिससे वह इस पद के लिए उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि सुरेश 1998 और 2004 में चुनाव हार गए थे, जिस कारण उनका मौजूदा कार्यकाल निचले सदन में लगातार चौथा कार्यकाल है। इससे पहले, वह 1989, 1991, 1996 और 1999 में लोकसभा के लिए चुने गए थे।

भर्तृहरि महताब लोकसभा चुनाव से पहले बीजू जनता दल (बीजद) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने क्षेत्रीय पार्टी के हालिया कामकाज से असंतुष्ट होने के कारण पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बीजद के टिकट पर 1998 से कटक सीट से छह बार जीत चुके महताब ने इस बार भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा था। उन्होंने 57 हजार 77 वोट से बीजद के संतरूप मिश्रा को हराया था। अब वह फिलहाल भाजपा के सांसद हैं। बता दें, 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून यानी आज से शुरू हो रहा है। नवनिर्वाचित सदस्य भी 24-25 जून को शपथ लेंगे। इसके बाद 26 जून को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।

भर्तृहरि महताब का जन्म आठ सितंबर 1957 को ओडिशा के अगपदा जिले के भद्रक में हुआ था। वह ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. हरेकृष्ण महताब के बेटे हैं। वह राजनीतिक के साथ एक लेखक भी हैं और सामाजिक कामों में भी योगदान देते हैं। अगर उनकी शिक्षा की बात करें तो उत्कल यूनिवर्सिटी के रावेनशॉस कॉलेज से उन्होंने साल 1978 में पोस्ट ग्रेजुएशन की थी। इसके बाद वह सक्रिय राजनीति में उतर गए। उन्होंने बीजद की टिकट पर 1998 में पहली बार कटक लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कटक सीट से 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज की। वह बीजद से छह बार सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे।

मगर राजनीतिक गलियारे में तब हलचल मच गई, जब इस साल महताब ने पाला बदल लिया। 28 मार्च 2024 को बीजद से इस्तीफा देकर वह भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, महताब की राजनीति पर इसका कुछ असर नहीं पड़ा। इस बार वह भाजपा की टिकट पर कटक से मैदान में उतरे और बीजद के संतरूप मिश्रा को 57077 वोट से हराया। ऐसे वह सातवीं बार भी सांसद चुने गए।

महताब को साल 2017 में उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला था। इसके साथ ही 'वाद-विवाद' में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संसद रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

प्रोटेम स्पीकर को संसद के अस्थाई अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाता है। यह नियुक्ति तब की जाती है, जब नियमित स्पीकर का चुनाव नहीं हुआ होता है। प्रोटेम स्पीकर का काम निर्वाचित किए गए सदस्यों को शपथ दिलाना होता है। इसके अलावा नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया को संचालित करना होता है। प्रोटेम स्पीकर की भूमिका अस्थाई होती है और नए स्पीकर के चयन के बाद यह जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है।

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